छत्तीसगढ़

मछली पकड़ने के जाल में फंसा 8 फीट का अजगर

कोरबा जिले के रूमगरा नहर से 8 फीट के अजगर को रेस्क्यू किया गया है। हसदेव नदी के रूमगरा नहर में पिछले 3 दिनों से एक विशालकाय अजगर मछली के जाल में फंसकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था। फिलहाल उसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, हसदेव नदी के रूमगरा नहर में मछुआरों ने जाल डालकर रखा था। इसमें 3 दिन पहले एक अजगर फंस गया। तब से वो लगातार जाल से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बाहर नहीं आ पा रहा था। इधर अजगर के फंसने की खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

डर के कारण मछुआरे नहीं बचा पा रहे थे अजगर को

मछुआरे उसे बचाना तो चाहते थे, लेकिन वो बार-बार जाल समेत पानी के अंदर चला जा रहा था, ऐसे में उन्हें डर था कि वे अगर अंदर जाकर अजगर को निकालने की कोशिश करते हैं और वो उन्हें जकड़ लेता है, तो उनका बचना नामुमकिन हो जाएगा।

लोगों ने स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी को दी घटना की सूचना

इसके बाद लोगों ने वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी को घटना की सूचना दी। थोड़ी ही देर के बाद जितेंद्र सारथी रूमगरा नहर पहुंचे। लोगों ने उन्हें बताया कि अजगर नहर के एक किनारे लगे मछली के जाल में फंसा हुआ है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए दूसरे नहर को पार करना होगा, जिसमें बहुत खतरा है। इसके बावजूद जितेंद्र सारथी ने कहा कि वे अजगर को बचाने के लिए खतरा मोल लेंगे। स्थानीय ग्रामीणों के साथ स्नेक कैचर जितेंद्र ने एक नहर को सावधानी से पार किया। इसके बाद उन्होंने दोनों नहर के बीच कांटों से भरे झुंड को भी पार किया। फिर वे अजगर के फंसे होने की जगह पर पहुंचे।

जंगल में अजगर को छोड़ा गया

वहां से लकड़ी को हटाया गया और पानी के अंदर लगे मछली के जाल को निकाला गया। अजगर ने अपना सिर पानी से बाहर निकाला और स्नेक कैचर पर हमला करने लगा। हालांकि उन्होंने 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मछली के जाल को काटकर अजगर को बाहर निकाला और जंगल में छोड़ दिया।

जीवन का सबसे खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन था- जितेंद्र सारथी

स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी ने बताया कि ये उनके जीवन का सबसे खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन था, लेकिन आम लोगों के हिम्मत दिलाने पर उन्हें हौसला आया और उन्होंने अजगर को रेस्क्यू किया। उन्होंने कहा कि अगर उनसे एक भी गलती हुई होती, तो वे मुसीबत में पड़ गए होते। उन्होंने कहा कि वे मुसीबत में फंसे एक बेजुबान को जिंदगी देने में कामयाब हुए, ये उनकी उपलब्धि है।

 

 

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