राजनीतिक

*✍️नहीं करेंगे धान खरीदी का काम,कलेक्टर को ज्ञापन सौपे✍️*

 
( RGH NEWS )रायगढ़ । आदिम जाति एवं सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायगढ़ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 2019- 20 में जिले के समस्त सहकारी समिति में कार्यरत समस्त कर्मचारियों द्वारा इस वर्ष धान खरीदी कार्य नहीं करने के लिए ज्ञापन सौंपा है। उनके द्वारा सौपे गए सात सूत्रीय ज्ञापन में अन्य विभागों से इस कार्य को कराने की मांग की गई है।
 
जाति एवं सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायगढ़ द्वारा अपनी सात सूत्रीय मांगों में कहा गया है कि, शासन द्वारा निर्धारित 17% की नमी से समिति द्वारा धान खरीदी किया जाता है,और विपणन संघ द्वारा समय पर धान उठाव नहीं किया जाता है। जिससे धान में सुखत की संभावना बढ़ जाती है। जिसका खामियाजा समिति में कार्यरत कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। वहीं समिति के कर्मचारियों को चारों तरफ से दबाव पूर्वक धान खरीदी का कार्य कराया जाता है। जिससे समिति के कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार का दबाव पूर्वक कार्य किया जाना संभव नहीं है। उनका कहना है कि प्रासंगिक एवं प्रशासनिक व्यय की राशि ₹12 प्रति क्विंटल की दर से दिया जाता है, जिसमें धान की भराई, सिलाई, छल्ली लगाना, रंग, सुतली, भूसा, बिजली, पानी, चौकीदारी, अतिरिक्त कर्मचारी सहित अन्य समस्त खर्च उस ₹12 की दर से प्रति क्विंटल में काम करवाना संभव नहीं है। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि किसानों का धान पंजीयन का कार्य पटवारी द्वारा सत्यापित कर तहसील माड्यूल में किया गया है। जिसमें किसी प्रकार की त्रुटि होने पर समिति के कर्मचारियों को दोषी मानकर उन पर कार्यवाही किया जाना अनुचित है। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि समिति में धान खरीदी के कार्य का निरीक्षण एवं परीक्षण का कार्य कई विभागों द्वारा किया जाता है, और अंत में समिति के कर्मचारियों को ही दोषी मानकर उन पर कार्रवाई किया जाना अनुचित है। समितियों को धान खरीदी में मिलर्स एवं पीडीएस दुकानों से एक भर्ती वारदाना खरीदी कार्य हेतु दिया जाता है। जिसको खरीदी उपरांत शेष बचा बारदाना वापस नहीं लिया जाता और कमीशन की राशि से काट लिया जाता है, जिसके कारण समिति को आर्थिक हानि होती है। उनका कहना है कि समिति डीएमओ का एजेंट है एवं एजेंट के रूप में समिति का कार्य किसान द्वारा लाए गए धान का खरीदी करना होता है और खरीदी धान का प्रधान भी किया जाना रहता है जबकि खरीदी के दौरान धान की छटाई एवं क्वालिटी की जांच प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए। वह धान की क्वालिटी व रिजेक्शन की स्थिति में संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन द्वारा नियुक्त अधिकारी की होनी चाहिए, जबकि समिति के कर्मचारियों पर ही कार्रवाई किया जाकर वसूली का कार्य किया जाना अनुचित है।
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button