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*✍️RGHNEWS ब्रेकिंग:- हाईकोर्ट ने कहा- ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डालने वाले अफसर को फांसी पर चढ़ा देंगे…पढिये कोर्ट में क्या हुआ

RGHNEWS कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की किल्लत पर दिल्ली हाईकोर्ट कितना नाराज है, इसका अंदाजा उसके एक कमेंट से लगा सकते हैं। हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि अगर कोई केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन के किसी अधिकारी ने ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डाली तो उसे फांसी पर चढ़ा देंगे।

जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने महाराज अग्रसेन हॉस्पिटल की अर्जी पर सुनवाई के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर की। अस्पताल ने कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी को लेकर अर्जी लगाई थी।

हाईकोर्ट ने कहा- किसी को नहीं बख्शेंगे
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डालने से जुड़ी कोई एक घटना बता दें, हम उसे सूली पर चढ़ा देंगे। हम किसी को बख्शेंगे। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार स्थानीय प्रशासन के ऐसे अफसरों के बारे में केंद्र को बताए, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

केंद्र से सवाल- दिल्ली को पूरी ऑक्सीजन कब मिलेगी?
हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा, ‘दिल्ली को हर दिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट करने की बात हकीकत कब बनेगी? जबकि आपने 21 अप्रैल को यह भरोसा दिया था।’ यह सवाल तब उठा जब दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि उसे पिछले कुछ दिनों से हर रोज सिर्फ 380 मीट्रिन टन ऑक्सीजन मिल रही थी और शुक्रवार को तो 300 मीट्रिक टन ही मिली थी।

हाई कोर्ट: क्या ऑक्सिजन टैंक निकल गए हैं?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवः हां, टैंकर निकल गए हैं। सरकार की तरफ से कोशिशों में जरा भी कमी नहीं है।

जस्टिस सांघीः तीन दिनों से हम एक ही तरह की कहानी देख रहे हैं। हमें पता है कि हालात क्या है।

दिल्ली सरकार: हमें जितनी ऑक्सीजन मिलेगी, वही हम सप्लाई कर सकेंगे। हम दिल्ली में ऑक्सिजन नहीं बना पा रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से महज भरोसे दिए जा रहे हैं।

जस्टिस सांघी (दिल्ली सरकार से) : लेकिन मिस्टर राहुल मेहरा (दिल्ली सरकार के वकील) आप एक जिम्मेदार सरकार होने के चलते इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। हमें पता है कि स्थिति क्या है।

 

दिल्ली के हॉस्पिटल में रातभर में 20 मरीजों की हो गई मौत:

ऑक्सीजन के गंभीर संकट के बीच दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 बेहद बीमार मरीजों की रात भर में मौत हो गई. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ डी के बलूजा ने बताया कि भंडार कम होने की वजह से ऑक्सीजन का दबाब घट गया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में करीब 200 मरीज भर्ती हैं और उनके पास 10 बजकर 45 मिनट पर केवल आधे घंटे की ऑक्सीजन शेष थी. घंटों की देरी के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन की आखिरी रिफिल आधी रात में मिली थी. सरकार से किसी तरह की मदद मिली है, यह पूछे जाने पर चिकित्सा निदेशक ने कहा, किसी ने भी कोई वादा नहीं किया है. हर कोई कह रहा है कि हम भरसक कोशिश कर रहे हैं. बलूजा ने कहा कि अस्पताल में भर्ती करीब 200 मरीजों में से 80 प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन पर हैं. करीब 35 मरीज आईसीयू में हैं.

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