छत्तीसगढ़ न्यूज़ (समाचार)

राहुल गांधी करेंगे कांग्रेस की पांचवीं घोषणा

Cg News Today पिछले चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने अपनी जीत का श्रेय, जनघोषणा पत्र को दिया था। कई महीनों तक समाज के अलग-अलग वर्ग से रायशुमारी के बाद तैयार घोषणापत्र की देश भर में चर्चा हुई थी। इस बार यही तैयारी भाजपा कर रही है। हालांकि पहले चरण के मतदान में केवल 11 दिन बचे हैं लेकिन अब तक भाजपा या कांग्रेस, दोनों में से किसी ने अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।

20 क्विंटल धान खरीदी, साढ़े सत्रह लाख लोगों को आवास, जाति जनगणना और किसानों की कर्ज़ माफ़ी की घोषणा कांग्रेस पहले ही कर चुकी है। इसके बाद अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह कह कर सबको कयास लगाने पर मज़बूर कर दिया है कि पांचवीं घोषणा राहुल गांधी करेंगे।

मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश बघेल।
मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश बघेल।

माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी पेट्रोल डीजल पर अपने हिस्से का टैक्स और रसोई गैस की क़ीमत कम करने की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा की रकम बढ़ाने और महिलाओं को हर साल नकद रकम देने का वादा भी कांग्रेस कर सकती है। लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा कांग्रेस की तरकश के सारे तीर निकलने की प्रतीक्षा में है।

भाजपा के नेताओं का कहना है कि धान ख़रीदी से लेकर किसानों की कर्ज़ माफ़ी तक, सभी घोषणाओं में भाजपा, कांग्रेस से आगे रहेगी। पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो हम कांग्रेस से कई गुना ज्यादा देंगे। कांग्रेस किसानों का शोषण कर रही है। एक हाथ से दे रही है, दूसरे हाथ से लूट रही है। हम दोनों हाथों से देंगे।

भास्कर से चर्चा करते हुए भाजपा नेता अरुण साव।
भास्कर से चर्चा करते हुए भाजपा नेता अरुण साव।

पिछले चुनाव में भी भाजपा ने धान की क़ीमत बढ़ाने जैसी योजनाओं को घोषणापत्र में शामिल किया था। लेकिन अंतिम समय में शीर्ष नेतृत्व ने इन्हें घोषणापत्र से यह कहते हुए हटा दिया था कि ऐसी मांग दूसरे राज्यों से भी आ सकती है। इस बार भाजपा कह जरुर रही है कि वह घोषणाओं में कांग्रेस से आगे रहेगी लेकिन सवाल यही है कि जनता की लाभकारी योजनाओं को रेवड़ी घोषित करने वाला भाजपा का शीर्ष नेतृत्व क्या इसके लिए तैयार होगा?

अब शराबबंदी नहीं, न्यूसेंस पर ज़ोर

अब बात शराबबंदी की, जिसकी घोषणा कांग्रेस पार्टी ने 2018 में की थी। पांच सालों तक कांग्रेस पार्टी कहती रही कि हम नोटबंदी की तरह शराबबंदी नहीं करेंगे, उसके बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहना शुरू किया कि जनता शराबबंदी करे। फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुर बदले और उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि केंद्र सरकार शराबबंदी करे।

मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ।
मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ।

अब कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने यह कह कर शराबबंदी के वादे का बचाव किया कि शराब से होने वाली न्यूसेंस बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का फैसला अगली चुनी हुई सरकार का होगा। सवाल यही है कि शराबबंदी के सवाल पर पांच सालों तक रंग बदलती कांग्रेस के इस बयान पर क्या जनता भरोसा करेगी?

यह भी दिलचस्प है कि पांच साल शराबबंदी के मुद्दे पर गोल-गोल बयानबाजी करने वाली कांग्रेस सरकार को भाजपा लगातार घेरती भी है। लेकिन शराबबंदी को लेकर भाजपा का क्या स्टैंड है, इस पर भाजपा चुप हो जाती है। ऐसे में इस बात की उम्मीद बेमानी है कि कांग्रेस या भाजपा, शराबबंदी को अपने घोषणापत्र में शामिल करेगी।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के सुप्रीमो अमित जोगी।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के सुप्रीमो अमित जोगी।

अजीत के बिना जोगी कांग्रेस

अब बात जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी की, जिसने पिछले चुनाव में पांच सीटें हासिल की थी। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद यह पहला चुनाव है, जिसमें उनकी पत्नी विधायक रेणु जोगी पहले की तरह कोटा से और बहू ऋचा जोगी के अकलतरा से, चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है।

Cg News Today  मध्य छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की आदिवासी और दलित वोटों पर ठीक-ठाक पकड़ थी। पिछला चुनाव उनकी पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन में लड़ा था। हालांकि इस बार भी उनकी पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ चुनाव मैदान में है। लेकिन अजीत जोगी की अनुपस्थिति में उनके परिवार को आदिवासी और दलित वर्ग के वोटरों की कितनी मदद मिलेगी, इस पर कई चुनावी समीकरण तय होंगे।

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