✍️ कोयला खान की नीलामी में जिंदल स्टील एंड पॉवर ने लगाई सबसे ऊंची बोली,खान के संचालन से राज्य सरकार को मिलेगा लगभग 4 हजार करोड़ रूपए का राजस्व ✍️
(( RGH NEWS ). छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित गारे—पेलमा 4/1 कोयला खदान की आवंटन प्रक्रिया में सबसे ऊंची बोली लगाते हुए जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ने कामयाबी हासिल की है। कंपनी को 230 रूपए प्रति टन की दर पर यह खदान हासिल हुई, जो सरकार द्वारा तय रिजर्व प्राइस से 53 प्रतिशत अधिक है। खदान के संचालन से राज्य सरकार को राजस्व के तौर पर लगभग 4 हजार करोड़ रूपए मिलेंगे। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही जेएसपीएल को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी।
गारे—पेलमा 4/1 कोयला खदान के आवंटन के लिए आॅनलाइन नीलामी की प्रक्रिया सोमवार को कोयला मंत्रालय द्वारा की गई। इसमें तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया था। वेदांता, जेएसडब्ल्यू और जेएसपीएल द्वारा इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया गया। मंत्रालय ने इस खदान के लिए रिजर्व प्राइस 150 रूपए प्रति टन तय कर रखा था। नीलामी शुरू होने के बाद तीनों ही कंपनियों ने अपनी—अपनी बोलियां लगाईं। अंत में सबसे ऊंची बोली के आधार पर जेएसपीएल सफल रही। कंपनी को 230 रूपए प्रति टन पर इस खदान का आवंटन किया गया। यह रिजर्व प्राइस की तुलना में 53.3 प्रतिशत अधिक है। इस खदान से निकले कोयले का उपयोग कंपनी द्वारा अपने रायगढ़ स्थित इस्पात संयंत्र और कैप्टिव पॉवर प्लांट के संचालन में किया जाएगा। वर्तमान में संयंत्र को कोयले की कमी से जूझना पड़ रहा था। इस खदान के आवंटन से यह कमी दूर होगी और स्टील प्लांट व कैप्टिव पॉवर प्लांट से पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करने में कंपनी सक्षम होगी। इससे सीधे तौर पर शासन को राजस्व का फायदा होगा और अर्थव्यवस्था में मजबूती के तौर पर दूरगामी परिणाम भी सामने आएंगे। इसके साथ ही उद्योग के सुचारू संचालन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
सरकार को मिलेंगे 4000 करोड़ रूपए
रायगढ़ जिले में गारे—पेलमा 4/1 खदान के आवंटन से छत्तीसगढ़ सरकार को आर्थिक मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। इस खान में लगभग 45 मिलियन टन कोयले का भंडार है। अगर 230 रूपए प्रति टन के आधार पर देखें, तो रॉयल्टी, डीएमएफ, एनएमईटी, सेस और अन्य कर मिलाकर लगभग 4 हजार करोड़ रूपए का भुगतान कंपनी द्वारा सरकार को किया जाएगा। पिछले पांच वर्षों में खदान बंद होने के बाद से सरकार को हर साल बड़े राजस्व की हानि हो रही थी और इसी वजह से जनहित की योजनाओं के लिए रूपए जुटाना भी मुश्किल हो रहा था। आवंटन के साथ जल्द ही छत्तीसगढ़ की आर्थिक सेहत दुरुस्त होने की उम्मीद जताई जा रही है। अब लोगों की नजर जिले और राज्य की अन्य खदानों के आवंटन पर लगी हैं।
जिले की अर्थव्यवस्था भी होगी मजबूत
गारे—पेलमा 4/1 खदान के आवंटन से रायगढ़ जिले की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। जेएसपीएल की खदानों के बंद होने से जिले को आर्थिक तौर पर बड़ा झटका लगा था। विशेषकर तमनार क्षेत्र में हालात बदतर हो गए थे। खदानों के साथ हजारों परिवारों की आजीविका भी जुड़ी हुई है। सोमवार को जैसे ही खदान के आवंटन की खबर सामने आई तो पूरे क्षेत्र में लोगों ने बेहद खुशी के साथ इसका स्वागत किया।