जेएसपीएल के परिवहन कार्य में लगी गाड़ियों को ग्रामीणों ने रोका, जब तक मुआवजा नहीं तब जारी रहेगी नाकेबंदी
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के परिवहन कार्य में लगे वाहनों को परसदा ग्राम के ग्रामीणों ने रोक दिया। ग्रामीणों की मानें तो जिंदल का स्लैग यार्ड उनकी जमीन पर बना हुआ है । साथ ही जहां पर फ्लैग इकट्ठा किया जा रहा है वहां जिंदल की ओर से लगातार इस स्लैग को ढेर किया जा रहा है जिस वजह से उसके आगे स्थित ग्रामीणों की जमीन भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों की ओर से पूर्व में भी कई बार मुआवजे की मांग जिंदल प्रबंधन से की गई है। बावजूद इसके जिंदल प्रबंधन की ओर से अब तक केवल टालमटोल ही की गई है । पिछले 2 साल से यह समस्या बनी हुई है और ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
बुधवार की सुबह से ही रायगढ़ से खरसिया मार्ग पर स्थित परसदा के ग्रामीणों ने जिंदल के परिवहन कार्य में लगी वाहनों को रोक दिया है । यह वाहन अधिकांश तौर पर स्लैग का परिवहन करते हैं। ग्रामीणों का यह कहना है कि जिंदल लगातार उनसे फरेब कर रहा है। वह केवल आश्वासन देकर हर बार ग्रामीणों को टालमटोल कर देता है । लेकिन अब हद हो गई है। ग्रामीणों की जमीन बुरी तरह से प्रभावित हो रही है जहां वह अब खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। उनकी जमीन को जिंदल ने स्लैग के ऊंचे ऊंचे टीले बनाकर तीन तरफ से घेर दिया है। इस बात की शिकायत और मुआवजे की मांग ग्रामीणों की ओर से पूर्व में कई बार की जा चुकी है । लेकिन जिंदल के अधिकारियों की ओर से उन्हें हर बार आश्वासन देकर ठग दिया जा रहा है । इस बार ग्रामीण इस मूड में है कि जब तक जिंदल की ओर से ठोस व्यवस्था लागू नहीं की जाती है तो तब तक इन वाहनों को यहां नहीं चलने दिया जाएगा।
जिंदल बुला रहा है कार्यालय में ,ग्रामीण कह रहे हैं मौके पर आओ …
वही जिंदल प्रबंधन की ओर से यह बात कही जा रही है कि ग्रामीण उनके कार्यालय में आएं और सौहार्दपूर्ण तरीके से उनसे चर्चा करें तो समस्या का हल भी मिल जाएगा लेकिन ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई के मूड में ग्रामीणों का कहना है कि जिंदल प्रबंधन राजस्व विभाग के माध्यम से जमीन का नाम जोकर मुआवजा प्रकरण तैयार कर ले उसके बाद ही कोई बात हो सकेगी। बहरहाल ग्रामीणों की ओर से परिवहन बंद कर दिए जाने के कारण जिंदल की मुश्किल अभी हाल ही में खत्म होती नहीं दिख रही है।
रात में वाहनों को निकालने की तैयारी कर रहे ठेकेदार
ग्रामीणों की ओर से दिनभर पहरेदारी करते हुए किसी भी वाहन को गुजरने नहीं दिया गया। पुलिस की ओर से भी ग्रामीणों को समझाइश दी गई लेकिन यह भी बेअसर रहा ।ग्रामीणों की मानें तो यह आंदोलन अब लंबा चलेगा और अंतिम निर्णय तक नाकेबंदी होती रहेगी । वहीं जिंदल प्रबंधन एवं ठेकेदार की ओर से अब रात में गाड़ियों को निकाल कर ले जाने की बात चर्चा में जबकि ग्रामीण कह रहे हैं कि वह किसी भी हालत में जो गाड़ी जहां पर है वहीं पर खड़ी रखेंगे और किसी भी गाड़ी का आवागमन इस मार्ग से नहीं करने दिया जाएगा।