*✍️नशा मुक्ति- चुनौतियों पर परिचर्चा, नशे की आदत किस प्रकार पड़ती है ✍️*
RGH NEWS प्रशांत तिवारी रायगढ़। नशे की गिरफ्त में आ चुके लोग जरूरी नहीं कि अपराधी हों उन्हें सुधरने का मौका देना चाहिए और नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों को स्वयं भी इस लत से निकलने का प्रयास करना चाहिए । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ की ओर से नालसा यानी नशा उन्मूलन के लिए सेवाएं योजना 2015 एवं स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 तथा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम संबंधित विषयों पर आज कलेक्ट्रेट के श्रजन कक्ष में परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जिले के विभिन्न वर्गों के लोग रायगढ़ न्यायालय के न्यायाधीश गण एवं पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ स्कूल कॉलेज के बच्चे और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद हैं।
व्कार्यक्रम का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर प्रसाद एवं कलेक्टर यशवंत कुमार सहित अतिथियों की ओर से किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद सीएसपी अविनाश ठाकुर की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश का स्वागत किया गया जीपीअनिल श्रीवास्तव ने कलेक्टर यशवंत कुमार का स्वागत किया। कार्यशाला तीन चरणों में आयोजित की गई । प्रथम चरण दीप प्रज्वलन व स्वागत कार्यक्रम का था। वही दूसरे चरण में नशा पीडि़तों एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवा योजना 2015 तथा सिगरेट एवं तंबाकू एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम पर चर्चा की गई । जबकि तीसरा चरण अभी होना है, जिसमें स्वापक औषधि और प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 से संबंधित विषयों पर चर्चा की जाएगी। इन सभी मुद्दों पर अपनी बात रखने के लिए जिले के अधिकारी चिकित्सक, समाज सेवी संस्था के सदस्य, प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद थे । इन विषयों में द्वितीय चरण के दौरान नशा मुक्ति पर एक शर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया एवं समाज कल्याण विभाग रायगढ़ के द्वारा आकर्षक संगीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यशाला के दौरान विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर को गणवेश एवं पहचान पत्र का वितरण किया गया।
– कार्यशाला के दौरान सामाजिक संगठन एवं प्रबुद्ध जनों की ओर से नशा और नशा मुक्ति पर अपने-अपने विचार और तथ्य रखे गए । उन्होंने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति जरूरी नहीं कि वह अपराध हो। नशे की आदत किस प्रकार पड़ती है और नशे की लत को छुड़ाने के लिए क्या क्या कदम उठाए सकता जा सकते हैं । हमारी, समाज की, परिवार की और सरकार की क्या भूमिका हो सकती है इन सब बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में अनिल कुमार श्रीवास्तव शासकीय अधिवक्ता ने एनडीपीएस एक्ट की कार्यवाही के दौरान तकनीकी बिन्दुओं को ध्यान में रखने के लिए बताया, कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने एक्ट के तहत कार्यवाही के संबंध में प्रश्र पूछे। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस विवेक तिवारी ने अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि कार्यवाही के दौरान गवाहों अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से उपस्थित अधिकारियों को बताया। डीजे रमा शंकर प्रसाद ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों के प्रश्रों को सरल तरीके उत्तर देकर समझाया