( RGH NEWS ) रायगढ़।श्री नृत्य पूर्ण डांस एकेडमी रायपुर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भारतीय शास्त्रीय एवं लोक प्रतियोगिता एवं महोत्सव ” मधुपूर्णम” में अंतरराष्ट्रिय ख्याति प्राप्त संगीत संस्था श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय रायगढ़ की तीन होनहार छात्राओं ने हिस्सा लिया जिसमें आशिता सिकदर ने सब जूनियर वर्ग के एकल कत्थक में प्रथम स्थान प्राप्त किया, आशिता ने महज 7 वर्ष की उम्र में दुर्ग, पुणे ,कोलकाता ,कटक ,भिलाई, दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित मंच से गोल्ड मेडल प्राप्त कर रायगढ़ कथक का लोहा मनवाया है। अमित सिकदर व पारामिता सिकदर की होनहार पुत्री आशिता कम उम्र में उभरती हुई बाल कत्थक नृत्यांगना है।
सीनियर वर्ग में महाविद्यालय की एक और होनहार छात्रा कुमारी निहारिका यादव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया स्व. दिनेश यादव व नर्मदा यादव के पुत्री निहारिका ने शिमला, कटक ,आगरा, पुणें, दुर्ग जैसे प्रतिष्ठित मंचों सहित रायगढ़ चक्रधर समारोह में कथक व लोक नृत्य की समूह प्रस्तुति दे चुकी है।
सीनियर वर्ग एकल कथक में महाविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नृत्यांगना चित्रांशी पणिकर को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। भारत सरकार के संरक्षण में अपने गुरू शरद वैष्णव से कथक नृत्य की विधिवत शिक्षा प्राप्त कर रही चित्रांशी देश के प्रमुख प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुकी है। एन.के.पणिकर व प्रिया पणिकर की होनहार पुत्री चित्रांशी ,रायगढ़ चक्रधर समारोह आगरा ,बनारस ,कटक महोत्सव शिमला, भोपाल कलकत्ता जैसे प्रतिष्ठित मंचों में नृत्य प्रस्तुति का सुअवसर प्राप्त कर चुकी है ,साथ ही इन्हें राष्ट्रीय सम्मान में “मीरा” “नृत्यश्री ” “निपूर्ण कलावंत ” “व्रज वैजन्ती” “कृष्ण कलायन” व अंतर्राष्ट्रीय सम्मान में “कला गरिमा” व “नादम नृत्य प्रतिभा “से नवाजा जा चुका है।यह तीनों छात्राएं गुरु श्री शरद वैष्णव के सानिध्य में कथक नृत्य की विधिवत शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, उक्त महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नर्तक व गुरु श्री शरद वैष्णव को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
रायगढ़ कथक परंपरा की घरानेदार युवा नृत्यांगना सुश्री ज्योति श्री बोहिदार वैष्णव को आयोजित महोत्सव में मेहमान कलाकार के रूप में प्रस्तुति हेतु, विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।आप सभी के साथ संगत पर रायगढ़ कथक घराने के प्रतिनिधि कला गुरु पंडित सुनील वैष्णव ( तबला) श्री लालाराम लोनिया (गायन) एवं श्री शरद वैष्णव ( पढ़ंत) पर थे प्रतियोगिता का पुरस्कार पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त अनिल साहू उपसंचालक श्रीमती पूर्णाश्री राउत एवं कार्यक्रम निदेशक मधुस्मिता दास जी की उपस्थिति में प्रदान किया गया।