शहादत के सात बरस बाद भी झीरम घाटी की जख्म भरा नही, पिता व भाई की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पण किए मंत्री उमेश नंकुमार पटेल ने
RGH NEWS PRASHANT TIWARI रायगढ़/खरसिया । ग्राम नंदेली की माटी आज भी अपने सपूत को खोज रही है। गांव की गलियों में पसरा सन्नाटा। गुड़ी में हताश और निराश बैठे परिजन और गांव के बड़े बुजुर्ग । इस बात का अहसास
करा रहा है कि वे अपने सपूत को भूला नहीं पाए हैं। समाधि स्थल में शांति की बगिया है। पिता-पुत्र के शहादत का गम शांति की बगिया को आज भी है।
नक्सली हमले के सात साल बाद भी जिले में झीरम घाटी की यादें नंदेली की मिट्टी में आज भी ताजी है। शहीद नंद कुमार पटेल व उनके बेटे दिनेश पटेल की कुर्बानी के बाद गांव में ही उनकी समाधि के
रूप में शांति बगिया बनाई गई है। जहां जाकर लोग पिता-पुत्र की शहादत को नमन करते हैं। 25 मई 2013 को नक्सली हमले में जिले के कांग्रेस के कद्दावर नेता नंद कुमार पटेल की जान चली गई थी।
झीरम घाटी में हुए इस नरसंहार में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के साथ तत्कालीन पीसीसी चीफ व परिवर्तन यात्रा के संयोजक रहे नंदकुमार पटेल भी शहीद हुए थे और घटना के एक दिन बाद 26 मई को
उनका और उनके बेटे दिनेश पटेल का शव झीरम घाटी से बरामद हुआ था। नक्सल हमले के सात साल बाद भी जिलेवासियों के मन में आज भी वो यादें कैद हैं। शहीद नंद कुमार पटेल के गृह ग्राम नंदेली
में उनकी याद में शांति की बगिया के नाम से समाधि बनाई गई है।
जहाँ आज सुबह छत्तीसगढ़ के केबिनेट मंत्री उमेश नंकुमार पटेल, पारिवारिक सदस्य तथा कार्यकर्ताओं ने शहीद नंदकुमार पटेल व शहीद दिनेश पटेल की समाधि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इस दौरान रायगढ़
विधायक प्रकाश नायक, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य कांग्रेस के नेता व कार्यकर्त्तागण लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए, अपने प्रिय नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित किये.