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चंपई सोरेन झारखंड के नए CM होंगे….राज्यपाल से कहा- विधायक बाहर खड़े हैं, गिनती कर लें

Champai Soren will be the new CM of Jharkhand...Told the Governor - MLAs are standing outside, count them.

झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन होंगे। उन्हें महागठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, राजद) के विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इधर, ED की हिरासत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। यहां से ED उन्हें अपने दफ्तर ले गई है। बताया जाता है कि पुराने सीएम हाउस में ED उन्हें हाउस अरेस्ट करेगी।

इधर, हेमंत सोरेन से पहले महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंचे थे, लेकिन विधायकों को 5 मिनट बाद ही बाहर कर दिया गया। सभी विधायकों ने राजभवन के बाहर हंगामा किया। वो मांग कर रहे हैं कि चंपई सोरेन को आज रात में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाए। बाद में विधायक दल के प्रतिनिधियों को बुलाया गया।

राजभवन से बाहर निकलकर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगिर आलम ने कहा कि हमने राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। राज्यपाल से मांग की है कि विधायक बाहर खड़े हैं, चाहें तो गिनती कर लें। इस पर राज्यपाल ने कहा कि पत्र पढ़ रहा हूं। बुलावा जल्द भेजूंगा।

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7 अधिकारियों की टीम दोपहर 1:15 बजे सीएम हाउस पहुंची थी। इससे पहले 20 जनवरी को ED ने साढ़े सात घंटे सोरेन से पूछताछ की थी। रांची में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही ED ऑफिस, राजभवन और CM आवास के आसपास धारा 144 अनिश्चितकाल तक के लिए बढ़ा दी गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं।

राजभवन से निकले हेमंत

हेमंत सोरेन राजभवन से निकल चुके हैं। ED के अफसर उन्हें ED दफ्तर ले जा रहे हैं। यहां कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार दिखाया जाएगा।

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किसी को इस स्थिति में किया जाता है हाउस अरेस्ट

एडवोकेट प्रभात भारद्वाज के अनुसार हाउस अरेस्ट तब किया जाता है, जब जांच एजेंसी को लगता है कि अरेस्ट कर तत्काल आरोपी व्यक्ति को जेल भेजने की जरूरत नहीं है। हाउस अरेस्ट रख कर इन्हें बाहरी दुनिया से अलग रखा जाए। इन्हें सिर्फ इमरजेंसी और मेडिकल स्थिति में ही बाहर ले जाया जा सकता है। यह तब होता है जब जांच एजेंसी को लगता है कि इनसे अभी और पूछताछ की जा सकती है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो जिसे हाउस अरेस्ट किया गया है, वो लापता हो सकता है। आम तौर पर व्हाइट कॉलर क्राइम, बड़े फ्रॉड और स्कैम के मामलों में कोर्ट को जानकारी देने के बाद यह कदम उठाया जाता है।

हाउस अरेस्ट क्या है, क्या छूट रहती है

हाउस अरेस्ट में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को उसके घर पर ही रखा जाता है। उसे थाना या जेल नहीं ले जाया जाता है। वो हाउस अरेस्ट के दौरान अपने घर पर ही रहेगा। घर के बाहर पुलिस का पहरा होगा। वहीं से उस पर नजर रखी जाएगी। हाउस अरेस्ट में गिरफ्तार हुआ व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल सकता है। अनुमति पर ही वो घर से बाहर जा सकता है।

कानून के जानकार व सीनियर एडवोकेट एसडी संजय के अनुसार कम से कम 14 दिनों के लिए ऐसा होगा। फिर आगे कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होती है।

इस तरह से लगेगी पाबंदी
हाउस अरेस्ट के दौरान फोन और मोबाइल से बातचीत पर रोक लगा दी जाती है। बाहरी लोगों से मिलने और बात करने पर भी आमतौर पर पाबंदी रहती है। नजरबंदी के दौरान घर पर कॉल्स आ तो सकती है। लेकिन, उसको उठाकर सीधे बात करने की मनाही होती है। उन्हें रिकार्डर से जोड़ दिया जाता है। जिनकी पुलिस अधिकारी जांच करते हैं। इस दौरान इंटरनेट इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी जाती है। हाउस अरेस्ट व्यक्ति को केवल अपने घर के लोगों और वकील से बातचीत की ही इजाजत दी जाती है।

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