( RGH NEWS )रायगढ़, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता ‘लोकवाणीÓ को आज घरघोड़ा विकासखण्ड के पहाड़ के किनारे बसे ग्राम रायकेरा की विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर ने खुशी पूर्वक सुना। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शासन ने आदिवासी समाज के जीवन और उनके संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के लिये अनेक बड़े फैसले लिये हैं। इसके लिये आदिवासी अंचलों में अच्छी शिक्षा, सेहत और रोजगार के अवसरों का सेतु बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण 2500 रूपये से बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है ताकि आम लोगों की आमदनी में सीधी बढोतरी हो जाये। वर्ष 2019 में 15 लाख मानक बोरा से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ जिसमें 602 करोड़ रूपये मजदूरी का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र के नियमों के तहत फिलहाल धान का दाम केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य के समान देना पड़ रहा है। लेकिन इसकी पूरी व्यवस्था की गई है कि 2500 रू. प्रति क्ंिवटल की दर से पूरी राशि दी जाये।
सरंपच श्री मोमराज राठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासी उत्थान के लिये जो कार्य किये जा रहे है, वह सराहनीय है। शासन की नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना ग्रामवासियों के लिये बहुत अच्छी है। श्रीमती कौशल्या ने कहा कि हमर मुख्यमंत्री आदिवासी मन बर प्रेम के भाषा बताए हे, तेखर सेती ओखर बात हमन ल अब्बड़ मीठ लागिस। श्री ऐतवार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति में आदिवासी समाज के योगदान के बारे में जो बातें कही वह बहुत अच्छी लगी। जिससे छत्तीसगढ़ की आदिवासी लोककला सब ओर फैलेगी। श्रीमती समारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी को 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया है जिसके लिये उनको धन्यवाद ज्ञापित किया। उल्लेखनीय है कि ग्राम रायकेरा में बिरहोर बस्ती में 2200 बिरहोर परिवार रहते है। उनके लिये जल के लिये बोर की व्यवस्था की गई है, वहीं तालाब एवं पचरी का भी निर्माण किया गया है। गांव मेें बिजली का कनेकशन एवं सोलर लाइट की भी व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर सचिव श्री मोहम्मद नसीरूद्दीन कादरी, श्रीमती सुकांती सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।