रायगढ़, अगर हौसले बुलंद हो तो सफलता की राह बन ही जाती है। इसकी एक मिसाल श्रीमती अंजना सिंह चौहान है, जिन्होंने अथक परिश्रम, आत्मविश्वास एवं इच्छाशक्ति से अपनी एक अलग पहचान बनायी है। शासन की सहायता योजना से स्वीकृत ई-रिक्शा से वे सुबह 6.30 बजे तीन स्कूल के बच्चों को स्कूल ले जाती है। आत्मनिर्भर होने की चमक उनके चेहरे पर दिखाई देती है। वे बताती है कि पति का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। दो बच्चों के परवरिश का बड़ा दायित्व उनके ऊपर है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मैने ई-रिक्शा चलाने की हिम्मत जुटाई और मेरी मेहनत रंग लाई और अब इससे 13 हजार प्रतिमाह आमदनी हो जाती है। जिससे परिवार को आर्थिक सहारा मिला है। वे उत्साह पूर्वक कहती है कि बच्चों को स्कूल ले जाने में बहुत खुशी मिलती है।
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पंजरी प्लाट निवासी श्रीमती अंजना चौहान ने बताया कि उन्हें शासन की श्रम विभाग द्वारा संचालित भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत संचालित निर्माण श्रमिक ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत 50 हजार का अनुदान मिला है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वे कहती है कि उन्हें इस सहायता से आर्थिक संबल मिला है। जिसके लिए वे शुक्रगुजार है।