इतने रुपए सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल! वित्त मंत्रालय को भेजा गया प्रस्ताव
नई दिल्ली: Petrol Diesel Latest Price News वित्त मंत्रालय पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर की प्रभावशीलता की समीक्षा करेगा क्योंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हो गई हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। घरेलू आपूर्ति की कीमत पर ईंधन के निर्यात पर कुछ तेल रिफाइनरियों द्वारा अर्जित अभूतपूर्व मुनाफे के मद्देनजर सरकार ने जुलाई 2022 में पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पर निर्यात कर लगाने का फैसला किया था।
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय अप्रत्याशित लाभ कर तथा इससे जुटाए जाने वाले कर की समीक्षा करने जा रहा है। सरकार ने सितंबर में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर प्रति टन अप्रत्याशित लाभ कर को घटाकर ‘‘शून्य’’ कर दिया था। यह कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है और तेल की दो सप्ताह की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े अधिसूचित किया जाता है। आखिरी बार 31 अगस्त को इसकी समीक्षा की गई थी। तब कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपए प्रति टन निर्धारित किया गया था।
डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को 18 सितंबर से ‘शून्य’ पर यथावत रखा गया है। भारत ने पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो ऊर्जा कम्पनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं। सूत्रों ने साथ ही बताया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद को इस प्रस्ताव पर विचार कर निर्णय लेना है।
केंद्र को जहां एक्साइज ड्यूटी के जरिए कमाई होती है। पेट्रोल-डीजल के दाम राज्यों में अलग-अलग होते हैं और ये इसलिए क्योंकि राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से वैट लगाकर कमाई करती हैं। जैसे आंध्र प्रदेश में 31%, कर्नाटक में 25.92%, महाराष्ट्र में 25% और झारखंड में पेट्रोल पर 22% के करीब वैट वसूला जाता है। वहीं डीजल की बात करें तो इस पर आंध्र प्रदेश में 22%, छत्तीसगढ़ में 23%, झारखंड में 22% और महाराष्ट्र में 21% वैट लगता है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी इसकी वसूली की जाती है और सरकारों की कमाई होती है।
इस हिसाब से देखें तो वर्तमान में पेट्रोल और डीजल पर सरकारें 60 फीसदी से भी ज्यादा टैक्स वसूलती हैं। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इस भारी-भरकम टैक्स की छुट्टी हो जाएगी और जीएसटी के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा और सरकार अधिकतम 28 फीसदी की दर से टैक्स ही लगा पाएगी। यानी टैक्स घटेगा और पेट्रोल-डीजल के दाम एक दम से काफी कम हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर पूरी बाजी केंद्र सरकार के हाथ में होगी।
अगर केंद्र पेट्रोल पर अधिकतम 28 फीसदी का जीएसटी भी लगाती है, तो एक लीटर पेट्रोल की कीमत 70 रुपए के आस-पास होगी। दरअसल, एक्साइज ड्यूटी और वैट को मिलाकर राजधानी दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपए चल रही है, अब वैट और एक्साइज ड्यूटी को हटाकर इस पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा, तो फिर डीलर को मिलने वाले 55.36 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल में महज 15.50 रुपए का इजाफा दिखाई देगा और ये 70.86 रुपए प्रति लीटर का मिलेगा। इसी हिसाब से डीजल की कीमत भी कम होगी।