सरकारी गैस कंपनी गेल को आगे चलकर दुनियाभर में नैचुरल गैस की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है. इससे इसके ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा. कंपनी ने कारोबारी साल 2026-27 के लिए 12,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना तैयार की है.
कंपनी ने कहा, हेनरी हब की कीमतों में उछाल आना वास्तव में कोई सामान्य स्थिति नहीं है. हमारा मानना है कि ये कीमतें कम होंगी. हम नियमित रूप से बाजार पर नजर रख रहे हैं और लागत कम करने के लिए अपने हिसाब से
प्लान बना रहे हैं. बता दें कि हेनरी हब लुइसियाना के एराथ में स्थित एक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर है. अमेरिका में गैस की कीमतें हेनरी हब पर प्राकृतिक गैस की कीमत के आधार पर तय की जाती हैं.
कंपनी ने अगले कारोबारी साल के लिए 12000 करोड़ रुपये का मेगा प्लान बनाया है. इनमें से 4,000 करोड़ रुपये पाइपलाइन प्रोजेक्ट्स पर, 200 करोड़ रुपये शहरों में गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट पर, 2,500 करोड़ रुपये पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट्स पर
, E&P के लिए 500 करोड़ और 1,400 करोड़ रुपये कंपनी के ऑपरेशन पर खर्च किए जाने का प्लान बनाया गया है. 850 करोड़ रुपये इक्विटी कंट्रीब्यूशन के रूप में खर्च किए जाएंगे और 2,000 करोड़ रुपये नेट-जीरो के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलॉट किए जाएंगे.
आने वाले कुछ सालों में कच्चे तेल की भी कीमत में कमी आने की उम्मीद है, जो 60-70 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेंगी, बशर्ते कोई बड़ा भू-राजनीतिक रूकावट न आए, जिससे कीमतें अस्थायी रूप से बढ़ सकती हैं.
कंपनी ने यह भी बताया कि नेफ्था जैसे वैकल्पिक ईंधनों की कीमतें कम बनी हुई हैं, जो कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी हुई हैं. नेफ्था की कीमतें सीधे कच्चे तेल से जुड़ी हुई होती हैं. चूंकि यह कच्चे तेल से ही पाया जाने वाला एक उत्पाद है इसलिए इसकी कीमत कच्चे तेल की कीमत को प्रभावित करती है.