बरसात में भयंकर लाभ कमाने के लिए करें धान की इस बेस्ट वैरायटी का उपयोग, जाने खेती का उचित तरीका और लाभ की जानकारी
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बिहार के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक भी उत्पादन बढ़ाने और किसानों को लाभ मिल सके इसके लिए नई फसल की किस्म को विकसित कर रहे हैं जिनके मार्गदर्शन का किसान भाई खूब लाभ उठा रहे हैं और आपको बता दे कि इसके फसल के पैदावार में काफी वृद्धि हो रही है जिससे की नर्सरी में धान लगाने का सबसे उपयुक्त समय मैं और जून महीने को माना जा रहे हैं।
बरसात में भयंकर लाभ कमाने के लिए करें धान की इस बेस्ट वैरायटी का उपयोग, जाने खेती का उचित तरीका और लाभ की जानकारी
धान की खास किस्म के बारे में
दोस्तों अगर आप भी धान की रोपाई में सही किस्मत का चयन करने के लिए बहुत ही बेताब है तो हम आपको बता दें कि आज हम आपको इस आर्टिकल में धान की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने वाले हैं जो की स्वाद में इतनी मस्त है जिसे मात्रा सुनने पर ही लोग इसकी और आकर्षित हो जाते हैं और इसमें आपको काफी बढ़िया सुगंध आती है जो कि कई प्रभावित की खेती कर रहे हैं।
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पौधे को सीधे रोपाई
दोस्तों डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के द्वारा बताया गया कि अगर आप एक ऐसी किस्म का उपयोग करना चाहते हैं जो की सुगंधित प्रवेश वाली धान हो तो आप राजेंद्र कस्तूरी या राजेंद्र भगवती के साथ कामिनी सुगंध या राजेंद्र सुहासिनी किस्म का प्रयोग कर सकते हैं। इन किस्म की बिजाई का सही समय 15 से 25 जून के बीच का है और नर्सरी में बिछड़े छोड़ने के बाद 20 से 22 दिनों के अंदर बिचड़ा तैयार हो जाता है। आप नर्सरी से तैयार पौधे को सीधे रोपाई करके 30 जुलाई तक कर सकते हैं। साथी पंक्ति और पौधों की दूरी 25–25 सेंटीमीटर रख सकते हैं।
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किन बातो की रखे सावधानी
इसी के साथ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर रत्नेश कुमार झा ने बताया है कि धान की खेती में जल प्रबंधन वह जरूरी होता है और जल प्रबंधन की बात की जाए तो आपको खेत में हल्की सिंचाई करके भूमि को नमी बनाए रखना होता है और पौधों की जड़ों में पर्याप्त रूप से वायु का संचार इसी के कारण होता है। पौधों की जड़ एवं कल का अधिक विकास होता है और इसकी इसके वजह से पोषक तत्वों की उपज क्षमता भी बढ़ जाती है। इसलिए आपको लगातार समय-समय पर सिंचाई करते रहना है।
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