Uric Acid: Uric Acid बढ़ने पर शरीर पर दिखते हैं ये संकेत, नजर अंदाज करने पर बढ़ सकती है परेशानी

Uric Acid यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक केमिकल पदार्थ है, जो हमारे खाने-पिने और सेल्स के टूटने से बनता है. यह खून में घुलकर किडनी के जरिए पेशाब के साथ बाहर निकलता है. अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा बढ़ जाए या किडनी इसे ठीक से बाहर न निकाल पाए, तो इसका स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है. अधिक प्रोटीन युक्त भोजन, शराब का सेवन, मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और पर्याप्त पानी न पीना यूरिक एसिड बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा, कुछ बीमारियां और दवाइयां भी इसके स्तर को प्रभावित कर सकती हैं. बढ़ा हुआ यूरिक एसिड शरीर में सूजन और दर्द का कारण बन सकता है.
हाई यूरिक एसिड के कारण सबसे आम समस्या गाउट होती है, जिसमें जोड़ों में तेज दर्द और सूजन हो जाती है. इसके अलावा, यूरिक एसिड किडनी स्टोन यानी पथरी का कारण भी बन सकता है, जिससे पेशाब में परेशानी, दर्द और संक्रमण हो सकता है. लंबे समय तक यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा रहने पर हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की गंभीर समस्याएं भी विकसित हो सकती हैं. यह शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाता है, जिससे हड्डियों और मांसपेशियों पर असर पड़ता है. ऐसे में अक्सर लोग शुरुआत में हल्के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती है.
यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या लक्षण दिखते हैं?
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ने के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और इन्हें लोग सामान्य थकान या जोड़ों में दर्द समझ लेते हैं. आम लक्षणों में जोड़ों में अचानक दर्द और सूजन होती है, खासकर अंगूठे, घुटने और टखनों में. इसके साथ-साथ लालिमा, गर्माहट और जोड़ों की अकड़न भी महसूस हो सकती है.
गंभीर मामलों में गाउट अटैक तेज और अचानक दर्द के साथ आता है, जो रात के समय ज्यादा बढ़ता है. कुछ लोगों को किडनी स्टोन, पेशाब में जलन या बार-बार पेशाब आने की समस्या भी होती है. इसके अलावा, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी बुखार जैसा अहसास भी हो सकता है. अगर ये लक्षण लगातार दिखाई दें, तो डॉक्टर से समय पर जांच और उपचार जरूरी है, क्योंकि अनदेखा करने पर यह लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.
यूरिक एसिड कैसे करें कंट्रोल
Uric Acidप्रोटीन और हाई-प्यूरिन युक्त भोजन कम करें.
दिनभर में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी पिएं.
शुगर वाले ड्रिंक और शराब से बचें.
नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज या वॉक करें.
मोटापा कम करने के लिए हेल्दी डाइट अपनाएं.
डॉक्टर की सलाह से दवाइयां और सप्लिमेंट लें.
स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें.



