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रेल यात्रियों कि फिर बढ़ी परेशानी! 76 दिनों के लिए सारनाथ एक्सप्रेस रद्द, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला

Train cancelled :  छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली कटनी, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को लगातार 76 दिनों के लिए रद्द किये जाने कि घोसणा कि है आइये जानते है रद्द करने कि वजह है क्या..!”
पाटलीपुत्र सांस्कृतिक विकास मंच के सचिव सुधीर झा, भोजपुरी समाज के सचिव बी.एन. ओझा, और सहजानंद सरस्वती समाज के सचिव राजीव कुमार ने संयुक्त रूप से रेल प्रशासन के इस फैसले को अव्यवहारिक करार दिया है। सारनाथ एक्सप्रेस के बंद होने से छत्तीसगढ़ में निवासरत पूर्वांचल के लोग, विशेष रूप से महाकुंभ और शादी-ब्याह के इस सीजन में, अपने गंतव्य तक पहुंचने में असमर्थ होंगे।
दिलचस्प बात यह है कि जब मौसम विज्ञानी 7 दिनों से अधिक के मौसम की भविष्यवाणी नहीं कर पाते तब रेल प्रशासन का कोहरा छाने का तर्क देकर सारनाथ एक्सप्रेस को एकमुश्त 76 दिनों के लिए कैंसिल करना गले से नीचे नहीं उतर रहा है।

सीपीपीआरओ बोले-कुछ फेरे कैंसिल किए

सीपीआरओ सुस्कर विपुल विलास राव का कहना है कि ठंड के मौसम में कोहरे के कारण यह ट्रेन बहुत बार बहुत ज्यादा लेट हो जाती है। इसको देखते हुए कुछ दिनों के लिए इस ट्रेन को कैंसिल किया जाता है। यह ट्रेन कंटीन्यू कैंसिल नहीं की जाती बल्कि इसके कुछ फेरे कैंसिल किए जाते हैं।

 लगातार दिसंबर, जनवरी और फरवरी में सारनाथ एक्सप्रेस रहेगी रद्द..!! इस वजह से लिया गया फैसला..??

उन्होंने कहा कि दिसंबर, जनवरी और फरवरी में सारनाथ एक्सप्रेस के कुछ फेरे कैंसिल किए गए हैं। यह ट्रेन लंबी दूरी की ट्रेन है और यह छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश ,यूपी और बिहार जाती है। उत्तर भारत में कोहरा ज्यादा पड़ता है और इसके चलते विजिबिलिटी कम हो जाती है , जिसके कारण ट्रेन की स्पीड और बाकी ऑपरेशन प्रभावित होते हैं। इसी वजह से यह ट्रेन बहुत ज्यादा डिले होती है।

छत्तीसगढ़ राज्य के साथ घोर अन्याय

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने वाला है।            लेकिन यह छत्तीसगढ़ राज्य के साथ घोर अन्याय है। वरिष्ठ एडव्होकेट एवं समिति के पदाधिकारी सुदीप श्रीवास्तव की मानें तो सारनाथ एक्सप्रेस में 22 डिब्बे लगते हैं, इस आधार पर एक बार में कम से कम 1500 यात्री उत्तर भारत की ओर यात्रा करते हैं या वहां से वापस छत्तीसगढ़ आते हैं। 76 दिनों तक इस ट्रेन को रद्द करने का मतलब है लगभग तीन लाख लोगों को यात्रा के सबसे सुलभ और सरल यातायात के साधन से वंचित करना। काफी ज्यादा रेल यात्रियों को होगी परेशानी.

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