खरीफ के सीजन में मुंग की ये वैराइटी देगी किसानो को सबसे ज्यादा पैदावार, नोट गिनते-गिनते थक जाओगे

खरीफ के सीजन में मुंग की ये वैराइटी देगी किसानो को सबसे ज्यादा पैदावार, नोट गिनते-गिनते थक जाओगे , नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए मूंग की एक बहुत ही शानदार वैरायटी की जानकारी लेकर आए हैं. दोस्तों या कोई ऐसी वैसी वैरायटी नहीं है यह राष्ट्रीय बीज निगम के द्वारा किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन रूप से बेची जा रही है जिसका नाम एमएच–1142 है. दोस्तों आपको बता दे कि इस बीच को आप ओंड के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. दोस्तों आपको तो पता ही होगा की मूंग की खेती खरीफ फसल के रूप में की जाती है और इसकी दाल लोगों को बहुत पसंद आती हैं. साथ ही आपको बता दे कि भारत में इसकी फसल को काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है और जिससे कई सारे किसान भाई बड़ी मात्रा में पैसा कमाते हैं.
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दोस्तों अगर आप भी इस बीच की खेती करना चाहते हैं तो आपको बता दे की राष्ट्रीय बीज निगम के द्वारा किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन मूंग की सेलिंग की जा रही है जिसे कि आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि किसान भाई इसे ऑनलाइन आर्डर करके घर पर ही मंगवा सकते हैं. दोस्तों अगर आप भी अपने लिए एक बेहतर किस्म के मूंग की तलाश में है तो यह आपके लिए सबसे बेहतर बीज साबित हो सकता है.
खरीफ के सीजन में मुंग की ये वैराइटी देगी किसानो को सबसे ज्यादा पैदावार, नोट गिनते-गिनते थक जाओगे
दोस्तों आपको बता दे कि यह एक खास किस्म की वैरायटी है जो की चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित की गई है. यह वैरायटी मात्र 63 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी ऊपर क्षमता 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. खरीफ के समय इसकी बुवाई का उपयुक्त समय जून से जुलाई का है और आपको बता दे कि इसकी फसल में मोजेक पत्ता झूरी और पत्ता मरोड़ जैसे खतरनाक रोग नहीं लगते हैं. प्रतिरोधक क्षमता इतनी भयंकर होती है कि इसमें सफेद चुन्नी और फफूंद रोग भी कोई असर नहीं कर पाते हैं. इसकी इसी खासियत की वजह से इसे भारत में लगभग उत्तर प्रदेश पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान और बिहार समेत झारखंड और उत्तराखंड में भी बोया जाता है.
अगर आप 20 की खेती करना चाहते हैं तो आपको 4 किलो का एक पैकेट फिलहाल 33 फर्दी की छूट के साथ 24 रुपए में मिल रहा है. दोस्तों इसकी खेती के लिए आपको भूमि की दो-तीन बार जुटा करना है और फिर डायलॉग को कुचलना और खरपतवार को नष्ट करने के लिए हल्की जुताई करना है. साथी मूंग दाल के बीजों को बन की विधि में मौसम का भी ध्यान रखना है और पौधे से पौधे की बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर और पंक्ति के बीच की दूरी 30 सेंटीमीटर होना आवश्यक है. वहीं पर अगर आप इसकी खेती ग्रीष्मकालीन में करते हैं तो इसका अच्छा समय अप्रैल से मई का होता है.