TCS ने IT फ्रेशर्स के लिए किया बड़ा ऐलान

Infosys Recruitment: कुछ दिन पहले इंफोसिस की तरफ से इस साल फ्रेशर छात्रों की नियुक्ति नहीं करने की बात कहे जाने के बाद लाखों छात्रों को झटका लगा था. दूसरी तरफ अब देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) ने छात्रों को राहत देते हुए इस साल हायरिंग का ऐलान किया है. टीसीएस के सीओओ, एन गणपति सुब्रमण्यम (N Ganapathy Subramaniam) ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी 40,000 फ्रेशर्स की नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें टीसीएस की तरफ से हर साल करीब 35,000 से 40,000 नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाता है.
बड़े पैमाने पर छंटनी की कोई योजना नहीं
इसके अलावा टीसीएस के सीओओ सुब्रमण्यम ने इस बात पर भी जोर दिया कि कंपनी में बड़े पैमाने पर छंटनी की कोई योजना नहीं है. टीसीएस नई नियुक्तियां करने के साथ लगातार आगे बढ़ रही है. आईटी सेक्टर की अन्य दिग्गज कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के मामले में सावधानी बरत रही हैं. इंफोसिस ने इस साल कैंपस प्लेसमेंट नहीं करने का ऐलान कर सबको चौंका दिया. इंफोसिस के सीएफओ नीलांजन रॉय ने अपने बयान में कहा था कि पिछले साल कंपनी ने 50,000 फ्रेशर्स को नौकरी पर रखा था. उन्होंने कहा कि डिमांड में सुधार नहीं होने तक कैंपस हायरिंग नहीं की जाएगी.
फिलहाल हम कैंपस हायरिंग के लिए नहीं जा रहे
सुब्रमण्यम ने लेटरल एंट्री से नौकरी देने की किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया. उन्होंने साफ किया कि इंफोसिस की हायरिंग स्ट्रेटजी मांग के साथ जुड़ी हुई है. उन्होंने यह भी कहा था कि पिछले साल, 50000 युवाओं को मांग से पहले काम पर रखा गया था… हमारे पास अभी भी ऐसे कर्मचारी हैं… हम उन्हें एआई (AI) आदि की ट्रेनिंग दे रहे हैं. फिलहाल हम कैंपस नहीं जा रहे हैं… हम अपने भविष्य के अनुमानों को देखते हुए हर तिमाही इसपर गौर करेंगे. सुब्रमण्यम ने साफ कहा कि प्रोजेक्ट आने पर भर्तियां की जाएंगी.
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पिछले 12 से 14 महीनों में भारी गिरावट
Infosys Recruitment उन्होंने बताया जब खर्च में कटौती का दबाव होता है तो कम संख्या में कर्मचारियों को लेटरल एंट्री के जरिये काम पर रखा जाता है. पिछले 12 से 14 महीनों में भारी गिरावट देखी है. हमें नहीं पता कि यह कब तक जारी रहेगा. एक बेंच बनाने के लिए हमें जितनी आवश्यकता थी उससे कहीं ज्यादा लोगों को काम पर रखना. टीसीएस का यूटीलाइजेशन रेट मौजूदा समय में करीब 85 प्रतिशत है, जो कि पिछली लिमिट 87-90 प्रतिशत के मुकाबले मामूली रूप से गिरा है.



