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Stock Market Update: SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के नियमों में किया बड़ा बदलाव, इनवेस्टर्स के हित में हुए कई फैसले

Stock Market Update: अगर आप शेयर बाजार या म्‍यूचुअल फंड में इनवेस्‍ट करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी (SEBI) ने बुधवार को बाजार से जुड़े कई सुधार क‍िये. इन सुधारों के बाद म्यूचुअल फंड का खर्च कम होगा, ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटेगी और न‍ियमों में भी पहले के मुकाबले ढील दी गई है. इससे आम निवेशकों को फायदा होगा. शेयर, डेट और म्यूचुअल फंड में लोग ज्‍यादा इनवेस्‍ट कर सकेंगे. सेबी चेयरमैन की तरफ से बोर्ड मीटिंग में न‍ियमों को आसान बनाने पर जोर द‍िया गया.

 

पुराने न‍ियमों को बदलकर नया फ्रेमवर्क लाया गय

सेबी (SEBI) की तरफ से 1992 के पुराने स्टॉक ब्रोकर न‍ियमों को बदलकर नया फ्रेमवर्क लाया गया. पुराने नियमों से कई गैर जरूरी प्रावधानों को हटाया गया है. इसके बाद नियम पहले के मुकाबले साफ, आसान और कंप्लायंस फ्रेंडली होंगे. इससे ब्रोकर का काम करना आसान हो जाएगा

 

म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्‍यो में बड़ा बदलाव

म्यूचुअल फंड के एक्‍सपेंस स्‍ट्रक्‍चर में बड़ा बदलाव क‍िया गया है. बेस एक्सपेंस रेश्‍यो (BER) में STT, GST, स्टैंप ड्यूटी, सेबी फीस और एक्सचेंज चार्ज जैसे कानूनी शुल्क शामिल नहीं होंगे. ये शुल्क अलग से र‍ियल बेस पर लगेंगे. इससे निवेशकों को क‍िसी भी प्रकार के खर्च को लेकर साफ जानकारी म‍िलेगी और ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी. कई कैटेगरी में BER लिमिट को भी कम क‍िया गया है.

 

म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए ब्रोकरेज लिमिट घटायी

इसके अलावा म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए ब्रोकरेज लिमिट को घटाया गया है. कैश मार्केट में पहले यह चार्ज 12 bps (फीस सहित) था, ज‍िसे घटाकर करीब 6 bps (फीस अलग) कर द‍िया गया है. डेरिवेटिव्स 5 bps से घटकर 2 bps रह गया. इससे म्यूचुअल फंड की एफ‍िश‍िएंसी बढ़ेगी और इनवेस्‍टर्स के खर्च में ग‍िरावट आएगी. डेट इश्यूअर्स अब पब्लिक इश्यू में कुछ निवेशकों को इंसेंट‍िव दे सकेंगे. जैसे सीनियर सिटिजन, महिलाएं, आर्म्ड फोर्स पर्सनल और रिटेल निवेशकों को अतिरिक्त ब्याज या डिस्काउंट.

 

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Stock Market Updateइन बदलावों से खर्च में ट्रांसपेरेंसी आएगी, गैर जरूरी खर्चे घटेंगे और म्यूचुअल फंड व डेट मार्केट में ह‍िस्‍सेदारी बढ़ाएंगे. सेबी का टारगेट इनवेस्‍टर स‍िक्‍योर‍िटी के साथ बिजनेस को आसान करना है. इससे भारतीय कैपिटल मार्केट में लोगों का भरोसा मजबूत होगा. न‍िवेशकों को कम खर्च में बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं.

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