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सेंसोडाइन’ टूथपेस्ट पर दस लाख रुपये का जुर्माना,भ्रामक विज्ञापनों को लेकर CCPA की कार्रवाई

Sensodyne Toothpaste नई दिल्ली: भ्रामक प्रचार कर खुद को पूरी दुनिया के डेंटिस्टों द्वारा सुझाया और विश्व का नंबर वन सेंसिटिविटी टूथपेस्ट (Sensitivity Toothpaste) बताने वाले सेंसोडाइन (Sensodyne) को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए ‘सेंसोडाइन’ टूथपेस्ट पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सीसीपीए की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि सेंसोडाइन कंपनी ने उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन दिखाए हैं.

7 दिन के भीतर विज्ञापनों को हटाने का निर्देश

10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सेंसोडाइन (Sensodyne) को अपने सभी भ्रामक विज्ञापनों को सात दिन के भीतर टीवी, ओटीटी, यूट्यूब, सोशल मीडिया आदि सभी माध्यमों से हटाने का निर्देश दिया है. मंगलवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में सेंसोडाइन के ‘दुनियाभर में डेंटिस्टों द्वारा रेकमेंडेड’ और ‘दुनिया का नंबर एक सेंसेटिविटी टूथपेस्ट’ का दावा करने वाले विज्ञापन को सात दिन के अंदर हटाने के लिए कहा गया है.

विदेशी डेंटिस्टों द्वारा समर्थन दिखाने वाले विज्ञापनों को सीसीपीए द्वारा पूर्व में पारित आदेश के अनुसार बंद करने का आदेश दिया गया है. गौरतलब है कि निधि खरे की अध्यक्षता वाले सीसीपीए ने हाल में सेंसोडाइन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ आदेश पारित किया था. सीसीपीए ने टेलीविजन, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर समेत विभिन्न मंचों पर सेंसोडाइन उत्पादों के विज्ञापन के खिलाफ स्वत: कार्रवाई शुरू की थी.

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सेंसिटिविटी से 60 सेकेंड में आराम वाली लाइन की भी जांच

इसके साथ ही सेंसोडाइन (Sensodyne) ने 60 सेकेंड में सेंसिटिविटी को खत्म करने का दावा किया थी और कहा था कि इसकी पुष्टि डॉक्टरों ने की है. सीसीपीए ने भारत के औषधि महानियंत्रक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को जांच के लिए कहा. संगठन ने कंपनी को कॉस्मेटिक लाइसेंस जारी करने वाले सिलवासा स्थित अपने सहायक औषधि नियंत्रक से जांच शुरू करवाई, जो अभी जारी है.

इन विज्ञापनों पर भी लगी रोक

Sensodyne Toothpaste:  इससे पहले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने Naaptol से ‘सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी’, ‘मैग्नेटिक नी सपोर्ट’ और ‘एक्यूप्रेशर योगा स्लिपर्स’ के विज्ञापनों को बंद करने का भी आदेश दिया था. उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने नापतौल से उन बिजनेस प्रैक्टिस को भी बंद करने को कहा जिसमें वह प्रोडक्ट्स की कृत्रिम रूप से कमी पैदा करते हैं.

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