धर्म

Second Sawan Somwar 2025: सावन का दूसरा सोमवार आज, यहां जानें पूजा का समय, विधि और मंत्र…

Second Sawan Somwar 2025 शिव भक्तों के लिए सावन माह के हर एक दिन का खास महत्व है। इस महीने पूजा-पाठ और व्रत रखने से भक्तों को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हालांकि जो लोग पूरे सावन व्रत नहीं रख पाते हैं, वो सावन के प्रत्येक सोमवार उपवास जरूर रखते हैं। दरअसल, सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। वहीं जब ये दिन सावन माह में आता है तो इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन माह में आने वाले सोमवार के दिन पूजा-पाठ करने से भगवान शिव तुरंत खुश होते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।

साल 2025 में 11 जुलाई से लेकर 09 अगस्त तक सावन का महीना चलेगा। इस बीच आज 21 जुलाई 2025 को सावन का दूसरा सोमवार है। साथ ही आज कामिका एकादशी और रोहिणी व्रत भी है। चलिए अब जानते हैं सावन के दूसरे सोमवार पर भोलेनाथ की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि आदि के बारे में।

आज शिव जी की पूजा का मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल 04 बजकर 14 मिनट से लेकर सुबह 04 बजकर 55 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 12 बजे से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से लेकर शाम 03 बजकर 39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 17 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 38 मिनट तक

 

शिव को खुश करने के 10 प्रभावशाली मंत्र

Shiv Mantra

देवों के देव महादेव की पूजा विधि

आज नीले या हरे रंग के शुद्ध कपड़े धारण करें।

शिव मंदिर जाकर महादेव की पूजा करें। (संभव न हो तो घर पर ही मंदिर में एक लकड़ी की चौकी रखें, उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसके ऊपर शिवलिंग की स्थापना करें)

हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।

शिव जी और देवी पार्वती की पूजा करें।

शिवलिंग का जल या पंचामृत से अभिषेक करें। साथ ही बेलपत्र, धतूरा, मिठाई, सफेद फूल, अक्षत, भस्म और फल आदि पूजा सामग्री अर्पित करें। इस दौरान शिव मंत्रों का जाप करें।

अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।

 

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शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं और क्या नहीं?

Second Sawan Somwar 2025बेलपत्र, दूध, जल, भांग, भस्म, फूल, धतूरा, अक्षत और मिठाई शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ होता है। जबकि तुलसी का पत्ता, टूटे हुए चावल, केतकी के फूल, हल्दी, तांबे के पात्र से दूध, कमल, कंटकारी का फूल, केवड़ा, वैजयंती, चंपा, जूही, कैथ, मदंती, बहेड़ा, शिरीष, कदंब, शंख से जलाभिषेक, नारियल का पानी, कुमकुम, रोली, अनार, तिल, उबला हुआ दूध, केला, नारंगी, नारियल, सेब, जामुन, अंगूर, नाशपाती, कटहल और लीची अर्पित करना वर्जित है।

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