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SEBI का बड़ा फैसला, एक्सचेंज में तकनीकी खराबी का खामियाजा नहीं भुगतेंगे इन्वेस्टर्स, मिलेगा ट्रेडिंग का पूरा वक्त

SEBI  एक्सचेंजेज में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी आने पर अब इन्वेस्टर्स को सौदा काटने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. इसका मतलब है कि अब एक्सचेंजों में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी आने पर इसका खामियाजा इन्वेस्टर्स नहीं भुगतेंगे. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही SEBI इस मामले में सर्कुलर जारी कर सकती है. 24 फरवरी, 2021 में आई ऐसी ही एक तकनीकी खराबी के चलते इन्वेस्टर्स को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. जिसके चलते उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ा था.

क्या है नया नियम

सूत्रों ने बताया कि मार्केट के बंद होने के सवा घंटे पहले तक अगर एक्सचेंज चालू नहीं होते हैं, तो मार्केट की क्लोजिंग को 1.5 घंटे तक आगे बढ़ा दिया जाएगा. जैसे कि मार्केट की क्लोजिंग 3.30 बजे तक होती है, इससे सवा घंटे यानि कि 2.15 पहले तक अगर एक्सचेंज नहीं खुलते हैं या उनमें कोई खामी रहती है, तो मार्केट का टाइम डेढ़ घंटे बढ़ जाएगा, यानि 3.30 बजे के बजाए मार्केट की क्लोजिंग 5 बजे होगी.

सभी पब्लिक प्लेटफॉर्म से देनी होगी सूचना

SEBI के नियमों के मुताबिक, अगर एक्सचेंज, क्लियरिंग या डिपॉजिटरी इनमें से किसी में भी खामी है और ये 2.15 बजे तक ठीक नहीं होती है, तो मार्केट की क्लोजिंग को 1.5 घंटे के लिए आगे बढ़ जाएगी. 2021 में हुई घटना में लोगों को प्रॉपर जानकारी न मिलने से काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था, जिसके देखते SEBI ने कहा कि एक्सचेंज को अपने सभी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर इस बारे में जानकारी देनी होगी.

नवंबर तक आ सकता है सर्कुलर

SEBI इन नियमों को लेकर आम सर्कुलर बहुत जल्द जारी कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सितंबर के पहले हफ्ते में सेबी ने इसे लेकर मंजूरी दे दी है और आमतौर पर ऐसे सर्कुलर जारी करने में SEBI 2 महीने से अधिक का समय नहीं लेता है, तो माना जा सकता है कि नवंबर तक इसे लेकर कोई सर्कुलर आ सकता है.

पिछले साल हुई घटना से लिया सबक

बता दें कि 24 फरवरी, 2021 को एक एक्सचेंज में तकनीकी खराबी आने पर इन्वेस्टर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस घटना से सबक लेते हुए इस बात की चर्चा हो रही थी कि ऐसी स्थिति में जब मार्केट किसी खराबी के कारण लंबे समय के लिए रूक जाए तो क्या किया जा सकता है? इसके बारे में अप्रैल से जून तक काफी चर्चा हुई थी, जिसके बाद जाकर यह निर्णय लिया गया है कि एक्सचेंजों में तकनीकी खराबी होने पर इन्वेस्टर्स को अधिक समय दिया जाएगा.

 

नए नियमों की जरूरत क्यों?

सेबी के मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी भी एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन या डिपॉजिटरी में तकनीकी खामी अगर 30 मिनट में ठीक नहीं होती है तो उसे डिसास्टर घोषित किया जाना जरूरी है.

 

SEBI 24 फरवरी 2021 को NSE में टेलीकॉम लिंक में दिक्कत आने से एक्सचेंज का कामकाज करीब 4 घंटे तक रुका था. बाद में जब एक्सचेंज चालू हुआ तो निवेशकों और ट्रेडर्स को सही जानकारी नहीं मिली. जिसकी वजह से कई ट्रेडर्स को सौदे काटने पड़े या खुद कट गए और भारी नुकसान हुआ. ब्रोकर्स और क्लाइंट्स के बीच भी काफी विवाद हुआ. नए नियम लागू होने पर ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब सबके पास बराबर सूचना होगी और घबराकर कोई सौदे नहीं काटेगा.

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