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हाथापाई, सस्पेंशन और निष्कासन… दिल्ली से बंगाल तक दिनभर विधानसभा में ऐसे होता रहा बवाल

मौसम में बढ़ती गरमाहट के बीच देश में सियासी पारा भी गर्म होता जा रहा है. सोमवार को दिल्ली से लेकर कोलकाता तक खूब सियासी गर्मी देखने को मिली. दोनों जगह सत्ता दल और विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गए.

मौसम में बढ़ती गरमाहट के बीच देश में सियासी पारा भी गर्म होता जा रहा है. सोमवार को दिल्ली से लेकर कोलकाता तक खूब सियासी गर्मी देखने को मिली. विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यसभा को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा तो दिल्ली विधानसभा में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायक आपस में भिड़ गए. यही हाल कोलकाता में भी दिखा. यहां बंगाल विधानसभा में टीएमसी और बीजेपी विधायकों के बीच जमकर बवाल हुआ.

बंगाल विधानसभा में चोटिल हुए विधायक

बंगाल विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इसके बाद बीजेपी ने बीरभूम हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की. इसे लेकर टीएमसी और बीजेपी विधायक आमने-सामने आ गए. देखते-देखते दोनों ही दलों के विधायक एक दूसरे से धक्का-मुक्की और मारपीट करने लगे. यह बवाल काफी देर चला. इस दौरान कई विधायकों को चोटें लगीं. बीजेपी का कहना है कि उसके कई विधायकों को टीएमसी एमएलए और सिक्योरिटी गार्ड्स ने पीटा है. वहीं टीएमसी का कहना है कि बीजेपी विधायकों की मारपीट से उनके विधायक आसित मजूमदार को भी कथित तौर पर नाक पर चोट आई है. इस हंगामे के बाद बीजेपी के 5 विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया. इन विधायकों में शुभेंदु अधिकारी, मनोज तिग्गा, शंकर घोष, दीपक बरमन और नरहारी महतो शामिल हैं.

दिल्ली विधानसभा में भी टकराहट

दिल्ली विधानसभा में भी सोमवार को सत्ता दल और विपक्षी दल के नेता आपस में भिड़ते दिखे. यहां सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के तेजिंदर बग्गा और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता के कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर हंगामा शुरू हुआ. आप विधायक नरेश बालियान और मोहिंद्र गोयल ने आदेश गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, इसे लेकर भाजपा के विधायक वअनिल बाजपेयी, जितेंद्र महाजन और अजय महावर हंगामा करने लगे. इनकी और आप विधायकों में झड़प की नौबत आ गई. बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. हालांकि कुछ देर बाद इनका निलंबन वापस ले लिया गया.

राज्यसभा में भी दिखा हंगामा

वहीं, सोमवार को राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने काफी हंगामा किया. बढ़ती महंगाई और सरकारी कंपनियों के निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय भारत बंद पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा किया.

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