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Road Accident Free Treatment: सड़क हादसों में घायलों को मिलेगा इतना रुपए तक मुफ्त इलाज, सरकार इसी महीने शुरू होगी योजना…

Road Accident Free Treatment: सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को अब पास के अस्पताल में ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह व्यवस्था इसी महीने से पूरे देश में लागू हो जाएगी। इस योजना के तहत निजी और सरकारी दोनों तरह के अस्पतालों को घायलों का तत्काल और फ्री इलाज करना अनिवार्य होगा। इस पहल को लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।

कानूनी प्रावधान और संशोधन

इस योजना को लागू करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के बाद अब सड़क हादसे में घायलों को तुरंत और निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अनिवार्य हो गया है। पिछले 5 महीनों में इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पुद्दुचेरी, असम, हरियाणा, पंजाब सहित छह राज्यों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

 

क्या है स्कीम?

तत्काल इलाज की सुविधा: घायलों को पुलिस, आम नागरिक या किसी संस्था द्वारा अस्पताल पहुंचाए जाने पर उनका इलाज तुरंत शुरू हो जाएगा।

कैशलेस इलाज: घायलों को ₹1.5 लाख तक का इलाज बिना किसी शुल्क के मिलेगा। इसके लिए मरीज या उनके परिजनों को कोई रकम जमा नहीं करनी होगी।

प्राईवेट और सरकारी अस्पतालों का रोल: चाहे अस्पताल सरकारी हो या प्राईवेट, सभी को घायलों का इलाज करना होगा। अस्पताल का NHAI के पैनल में रजिस्टर होना अनिवार्य नहीं है।

रेफरल सुविधा: यदि किसी अस्पताल को प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को बड़े अस्पताल में रेफर करना पड़े, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि मरीज को वहां दाखिला मिले।

 

 

NHAI की भूमिका

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस योजना के अमल में नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। अस्पतालों द्वारा किए गए इलाज के खर्च का भुगतान NHAI द्वारा किया जाएगा। इसका मतलब है कि मरीज या उनके परिजनों को 1.5 लाख तक की रकम का भुगतान नहीं करना होगा।

 

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योजना का उद्देश्य और लाभ

Road Accident Free Treatmentइस योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को तुरंत सही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे न केवल घायलों के जीवन को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिजनों को आर्थिक बोझ से भी राहत मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना प्राईवेट अस्पतालों को भी सामाजिक दायित्व निभाने के लिए प्रेरोत करेगी।

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