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Regularization of Contractual Employees: जल्द होगा संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, कोर्ट ने दिए ये निर्देश

Regularization of Contractual Employees नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पदस्थ संविदा शिक्षकों को बड़ा तोहफा मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने उन शिक्षकों को स्थायी आधार पर बहाल करने का निर्देश दिया, जिन्हें नियमितीकरण से वंचित कर दिया गया। UGC द्वारा यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र के बाद भी यूनिवर्सिटी ने उन शिक्षकों को नियमित करने का निर्देश दिया, जो नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए और आवश्यक योग्यता रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वहां के शिक्षकों में खुशी का माहौल है।

मेहर फातिमा हुसैन बनाम जामिया मिलिया इस्लामिया के मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि इस प्रकार, यह देखते हुए कि अपीलकर्ताओं को नियमित चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद नियुक्त किया गया और उनके पास UGC के मानदंडों के अनुसार प्रासंगिक योग्यताएं हैं, उन्हें नई चयन प्रक्रिया अपनाने के बजाय यूनिवर्सिटी की नियमित स्थापना के साथ विलय किए गए पदों पर जारी रखा जाना चाहिए। इस मामले के तथ्यों में उन्हें जारी न रखने और नई चयन प्रक्रिया शुरू करने की यूनिवर्सिटी की कार्रवाई अन्यायपूर्ण, मनमानी और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। इसलिए विलय के बाद अपीलकर्ताओं का रोजगार जारी रखना होगा।”

कोर्ट ने दिए ये निर्देश

Regularization of Contractual Employees दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अपीलकर्ताओं को नियमित चयन प्रक्रिया से गुजरने और UGC के मानदंडों के अनुसार प्रासंगिक योग्यता रखने के बाद नियुक्त किया गया, उन्हें नई चयन प्रक्रिया अपनाने के बजाय यूनिवर्सिटी की नियमित स्थापना के साथ विलय किए गए पदों पर जारी रखा जाना चाहिए। तदनुसार, अपील की अनुमति दी गई और अपीलकर्ताओं को तीन महीने के भीतर बहाल करने का निर्देश दिया गया।

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