Red Litchi Farming: नए और एडवांस तरीके से लीची उगाने से होगा आपको अधिक मुनाफा,जाने तरीका
Red Litchi Farming: नए और एडवांस तरीके से लीची उगाने से होगा आपको अधिक मुनाफा,जाने तरीका आइये आज हम आपको बताते लीची उगाने के एडवांस तरीके के बारे में तो बने रहिये अंत तक समझाते है पूरी प्रोसेस-
Red Litchi Farming: नए और एडवांस तरीके से लीची उगाने से होगा आपको अधिक मुनाफा,जाने तरीका
Red Litchi Farming हेतु जरुरी बाते
आप जानते हैं कि लीची के फल पेड़ों के बाहरी हिस्से में ही लगते हैं.इसलिए छंटाई करके पेड़ को छाते जैसा आकार देना चाहिए. इससे ज्यादा फल लग पाएंगे. फल तोड़ने के बाद पेड़ों पर नई टहनियाँ निकलती हैं,जिन पर फरवरी के महीने में फूल आते हैं.अगर फल तोड़ते समय गुच्छों के साथ 15-20 सेंटीमीटर टहनियां भी काट ली जाएं, तो जुलाई-अगस्त में उन टहनियों से मजबूत और स्वस्थ टहनियाँ निकलती हैं जिन पर अच्छा फल लगता है.इसके अलावा,पेड़ की कमजोर,सूखी और जो टहनियाँ फल नहीं दे रहीं, उन्हें जमीन से निकलने वाली जगह से ही काट देना चाहिए!
Red Litchi Farming: नए और एडवांस तरीके से लीची उगाने से होगा आपको अधिक मुनाफा,जाने तरीका
इस प्रकार करे छटाई
छोटे लीची के पौधों में छंटाई का मुख्य उद्देश्य पेड़ की संरचना को मजबूत करना होता है.ताकि पेड़ लंबे समय तक फल दे सकें. शुरुआती 3-4 सालों तक पौधे के मुख्य तने से निकलने वाली अनावश्यक टहनियों को हटाते रहने से पेड़ का मुख्य तना मजबूत होता है और बीच में दूसरी फसलें भी उगाई जा सकती हैं.जमीन से करीब 1 मीटर की ऊंचाई पर चारों दिशाओं में 3-4 मुख्य टहनियाँ रखने से पेड़ की संरचना मजबूत होती है और फल भी अच्छे से लगते हैं. समय-समय पर कैंची से ऊपर की तरफ सीधी बढ़ने वाली टहनियों को काटते रहना चाहिए!
Red Litchi Farming: नए और एडवांस तरीके से लीची उगाने से होगा आपको अधिक मुनाफा,जाने तरीका
Red Litchi फर्मिंन्ग से मुनाफा
अगर आपका लीची का पेड़ 15 साल या उससे ज्यादा का है,तो पेड़ के मुख्य तने से 2 मीटर की दूरी पर पौधे के चारों ओर गड्ढा खोदकर उसमें 500-550 ग्राम डाई अमोनियम फॉस्फेट, 850 ग्राम यूरिया, 750 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश और 25 किलो अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद डालें. वहीं, अगर आपका पेड़ 15 साल से कम उम्र का है, तो खाद और उर्वरक की बताई गई मात्रा को 15 से भाग दें, फिर उस नंबर को पेड़ की उम्र से गुणा करें. ये उस पेड़ के लिए खाद और उर्वरक की मात्रा होगी. जिन बगानों में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, वहां सितंबर के महीने में अन्य खादों के साथ 150-200 ग्राम जिंक सल्फेट प्रति पेड़ देने से फायदा होता है!