RBI Bank Rules 2025: अब 10 साल के बच्चे भी खुद चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट, RBI ने किया ऐलान…

RBI Bank Rules 2025 देश में बच्चों को अब जल्दी आर्थिक आजादी मिलने वाली है। RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 10 साल या उससे ज़्यादा उम्र के बच्चों को खुद का सेविंग और FD अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की सुविधा दें। यह नियम 21 अप्रैल 2025 को जारी किया गया है और इसे 1 जुलाई 2025 से लागू किया जाएगा।
बैंकों को मिलेंगे अधिकार, लेकिन बच्चों को मिलेगी आज़ादी
RBI ने कहा है कि बैंक अपने रिस्क मैनेजमेंट के आधार पर कुछ लिमिट तय कर सकते हैं – जैसे कितना पैसा निकाला जा सकता है या कितना जमा किया जा सकता है। लेकिन बच्चे खुद अकाउंट खोल पाएंगे और उसे ATM, इंटरनेट बैंकिंग या चेकबुक जैसी सुविधाओं के साथ चला सकेंगे (बैंक की सहमति पर)। इससे बच्चे आधुनिक बैंकिंग से जुड़ सकेंगे।
10 साल से छोटे बच्चों के लिए भी है ऑप्शन
अगर बच्चा 10 साल से छोटा है, तो भी उसके नाम से अकाउंट खोला जा सकता है, लेकिन उस स्थिति में माता-पिता या लीगल गार्डियन को उसका संचालन करना होगा। खास बात ये है कि मां को भी अब गार्जियन के रूप में मान्यता दी गई है – जैसा कि RBI के 1976 के नियम में है।
18 साल में अकाउंट का पूरा कंट्रोल मिलेगा
जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा, तब बैंक को उससे नए साइन और पहचान की पुष्टि लेनी होगी। अगर अकाउंट माता-पिता चला रहे थे, तो बैलेंस वेरिफिकेशन के बाद पूरा कंट्रोल बच्चे को मिल जाएगा।
ओवरड्राफ्ट की इजाजत नहीं
RBI ने साफ कहा है कि बच्चों के अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की इजाजत नहीं दी जाएगी। यानी अकाउंट से कभी भी जमा रकम से ज़्यादा पैसे नहीं निकाले जा सकेंगे। हर हाल में खाता क्रेडिट में ही रहना चाहिए।
KYC के नियम होंगे जरूरी
बैंक जब भी बच्चों का खाता खोलेंगे, उन्हें RBI के 2016 वाले KYC नियमों का पालन करना होगा। इससे खाता सुरक्षित रहेगा और पहचान में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
कब से दी
यह नियम सभी प्रकार के बैंकों पर लागू होगा –
कमर्शियल बैंक
शहरी सहकारी बैंक (Urban Cooperative Banks)
राज्य सहकारी बैंक
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCBs)
बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक अपने सिस्टम और पॉलिसी अपडेट करनी होगी।
बच्चों को मिलेगी फाइनेंशियल नॉलेज
RBI Bank Rules 2025RBI का यह कदम बच्चों को छोटी उम्र से ही पैसे बचाने, खर्च की प्लानिंग करने और बैंकिंग सिस्टम समझने में मदद करेगा। इससे वो धीरे-धीरे फाइनेंशियल जिम्मेदारी भी सीखेंगे। और पैरेंट्स के लिए भी बच्चों को फाइनेंशियल फ्रीडम देना आसान होगा।