RBI: KYC डॉक्यूमेंट्स जमा करने को लेकर RBI गवर्नर ने बैंकों को दिए सख्त निर्देश…

RBI भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों को एक खास सलाह दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) डॉक्यूमेंट्स के लिए अपने कस्टमर्स को बार-बार फोन करने से बचें। पीटीआई की खबर के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि एक बार ग्राहक द्वारा वित्तीय संस्थान को दस्तावेज जमा कराने के बाद, हम उन्हीं दस्तावेजों को दोबारा हासिल करने पर जोर न दें। गवर्नर ने उद्योग में प्रतिस्पर्धा की याद दिलाते हुए कहा कि बैंकों को कस्टमर सर्विस में सुधार करने की जरूरत है, न सिर्फ इसलिए कि ऐसा करना उनका कर्तव्य है, बल्कि इसलिए भी कि यह उनके खुद के हित में है।
बार-बार फोन करने को अपरिहार्य असुविधा बताया
खबर के मुताबिक, गवर्नर ने स्पष्ट किया कि किसी वित्तीय नियामक की देखरेख वाली इकाई को डॉक्यूमेंट्स जमा कराने से दूसरे लोगों के लिए एक ही डेटाबेस से उन तक पहुंचना संभव हो जाता है। बार-बार अनुरोध करने को उन्होंने अपरिहार्य असुविधा बताया। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि अधिकांश बैंकों और एनबीएफसी ने अपनी शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डेटाबेस से जानकारी तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी है, जिसके चलते ग्राहकों को अपरिहार्य असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसे पहले ही सुगम बनाया जा सकता है। यह सभी के हित में होगा।
बैंक ग्राहक लगातार कर रहे हैं शिकायत
केंद्रीय बैंक की तरफ से यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब बैंक ग्राहक बार-बार केवाईसी दोबारा जमा कराने के अनुरोधों के चलते असुविधा की शिकायत कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी शिकायतें लगातार आ रही हैं। मल्होत्रा ने बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों को गलत तरीके से कैटेगराइज करने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसा करना घोर विनियामक उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में बैंकों को 1 करोड़ ग्राहक शिकायतें मिलीं और अगर दूसरी विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों को शामिल किया जाए तो यह संख्या और बढ़ जाएगी। गवर्नर ने कहा कि इनमें से 57 प्रतिशत के लिए आरबीआई लोकपाल द्वारा मध्यस्थता या हस्तक्षेप की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि आप सभी सहमत होंगे कि यह एक अत्यधिक असंतोषजनक स्थिति है और हमें इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
बैंकों को कस्टमर सर्विस में सुधार करने की जरूरत
RBIउन्होंने बैंकों के नेतृत्व को सलाह दी कि प्रबंध निदेशकों से लेकर शाखा प्रबंधकों तक को शिकायत निवारण के लिए हर सप्ताह समय निकालना चाहिए। मल्होत्रा ने कहा कि यह सभी बैंकों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मुद्दों को अनसुलझा छोड़ दिया जाए, तो वे उपभोक्ताओं के विश्वास को कमजोर कर सकते हैं और पूरे ईकोसिस्टम को खराब कर सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिकायतों को उपद्रव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बार-बार शिकायतें आने से बचना ज़रूरी है, क्योंकि वे प्रणालीगत खामियों को उजागर करती हैं