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RBI ने दी इन बैंकों को खुशखबरी

rbi ndfc:भारतीय बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों यानी फंसे कर्ज का आकार घटकर सितंबर में 5 प्रतिशत पर आ गया. मौजूदा आर्थिक हालात कर्जदाताओं की सेहत पर असर डाल सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की ‘भारत में बैंकिंग के रुझान एवं प्रगति’ रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक सितंबर 2022 में बैंकों का जीएनपीए कुल परिसंपत्तियों के 5 प्रतिशत पर आ गया.

फाइनेंश‍ियल ईयर 2017-18 में बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा करने के बाद यह उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में बैंकों का जीएनपीए 5.8 प्रतिशत पर रहा था. इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्जों को बट्टा खाते में डालना जीएनपीए में आई गिरावट की बड़ी वजह रही जबकि निजी बैंकों के मामले में कर्जों को अपग्रेड करने से हालात बेहतर हुए.

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छोटे कारोबारों को मदद पहुंचाने का रास्ता साफ
rbi ndfc:बैंकों के जीएनपीए में पिछले कुछ वर्षों से लगातार आ रही गिरावट के लिए कर्ज चूक के मामलों में आई कमी और बकाया कर्जों की वसूली और उन्हें बट्टा खाते में डालने जैसे कदमों को श्रेय दिया गया है. हालांकि पुनर्गठित परिसंपत्ति अनुपात सभी कर्जदारों के लिए 1.1 प्रतिशत अंक और बड़े कर्जदारों के लिए 0.5 प्रतिशत तक बढ़ गया लेकिन कर्ज पुनर्गठन योजना से व्यक्तियों एवं छोटे कारोबारों को मदद पहुंचाने का रास्ता साफ हुआ.

 

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