Ratan Tata: रतन टाटा के जीवन की दिलचस्प बाते,जाने अन्तिम यात्रा की जानकारी
रतन टाटा के जीवन की दिलचस्प बाते
Ratan Tata: रतन टाटा के जीवन की दिलचस्प बाते,जाने अन्तिम यात्रा की जानकारी रतन टाटा जनि मानी हस्ती है आज के टाइम पर कौन नहीं जनता लेकिन आज वो हमारे बीच न रहे आगे जानने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे
Ratan Tata: रतन टाटा के जीवन की दिलचस्प बाते,जाने अन्तिम यात्रा की जानकारी
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पीएम ने जताया शोक(PM expressed condolences)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “मेरे मन में श्री रतन टाटा जी के साथ हुई अनेकों मुलाकातों की यादें ताज़ा हैं. जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हम अक्सर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते थे. उनकी विचारधारा हमेशा गहन और समृद्ध होती थी. ये संवाद दिल्ली आने के बाद भी जारी रहे. उनके निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति”
रतन टाटा के बारे में(About Ratan Tata)
साल 1937 में जन्मे रतन टाटा का पालन-पोषण 1948 में उनके माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया था.
रतन टाटा साल 1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बी.आर्क की डिग्री प्राप्त की थी. 1962 के अंत में भारत लौटने से पहले उन्होंने लॉस एंजिल्स में जोन्स और इमन्स के साथ कुछ समय काम किया.
2008 में भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, प्रदान किया था. वह 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रिटायर हुए थे.
रतन टाटा का सफ़र(The journey of Ratan Tata)
रतन टाटा का सफर एक प्रेरणादायक कहानी है, जो उनकी दूरदर्शिता, मेहनत और नेतृत्व कौशल को दर्शाता है-
जन्म
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28 दिसंबर 1937
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कॉलेज डिग्री
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1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बी.आर्क (Bachelor of Architecture)
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विदेश में कार्य अनुभव
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1962 के अंत में भारत लौटने से पहले लॉस एंजिल्स में जोन्स और इमन्स के साथ काम किया
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मैनेजमेंट ट्रेनिंग
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1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया
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टाटा संस के चेयरमैन बने
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मार्च 1991
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रिटायर
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28 दिसंबर 2012
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टाटा समूह की आय
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1991 में ₹10,000 करोड़ से बढ़कर 2011-12 में USD 100.09 बिलियन
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टाटा के मुख्य अधिग्रहण
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– 2000 में टाटा टी द्वारा 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर में टेटली का अधिग्रहण
– 2007 में टाटा स्टील द्वारा 6.2 बिलियन पाउंड में कोरस का अधिग्रहण
– 2008 में टाटा मोटर्स द्वारा 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण
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सम्मान
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2008 में पद्म विभूषण (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
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निधन
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09 अक्टूबर 2024
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जब रतन टाटा ने संभाली कमान(When Ratan Tata took over the command)
रतन टाटा की उल्लेखनीय यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने साल 1991 में ऑटोमोबाइल से लेकर स्टील तक के विभिन्न उद्योगों में फैले टाटा समूह की बागडोर संभाली. साल 1996 में उन्होंने टाटा टेली-सर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध करवाया, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ.
Ratan Tata: रतन टाटा के जीवन की दिलचस्प बाते,जाने अन्तिम यात्रा की जानकारी
रतन टाटा के नेतृत्व में ऐतिहासिक अधिग्रहण(Historic acquisitions under the leadership of Ratan Tata)
- टेटली (2000): टाटा टी द्वारा 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली का अधिग्रहण किया गया. यह भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण था.
- कोरस (2007): टाटा स्टील ने 6.2 बिलियन पाउंड में यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी कोरस का अधिग्रहण किया. यह भारतीय स्टील उद्योग का अब तक का सबसे बड़ा सौदा था.
- जगुआर लैंड रोवर (2008): टाटा मोटर्स ने 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर में प्रतिष्ठित ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण किया। यह सौदा टाटा मोटर्स के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुआ और कंपनी को वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में मजबूती दी.