Raksha Bandhan 2025: कल है रक्षाबंधन; इस साल 7 घंटे 38 मिनट तक है मुहूर्त, जानें क्या रहेगा राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan 2025 भाई-बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक, रक्षाबंधन की डेट को लेकर लोगों में द्वंद है। इसके साथ ही राखी बांधने के मुहूर्त का ध्यान रखना भी जरूरी है। यहां आपको राखी 2025 की सही डेट के साथ-साथ रक्षा सूत्र बांधने का शुभ योग और भद्रा कितने बजे लगेगी, के बारे में बता रहे हैं.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त,
भाई-बहन के पवित्र बंधन को समर्पित हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक रक्षाबंधन है। इस साल पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त की दोपहर से शुरू हो रहा है, तो लोग रक्षा बंधन की सही तारीख को लेकर द्वंद में हैं। हालांकि, रक्षा सूत्र बांधने के समय के अनुसार रक्षा बंधन इस साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
लोग इस दिन को मनाने के लिए हमेशा उत्साहित रहते हैं। राखी बांधने की डेट और सही मुहूर्त पर खास ध्यान देते हैं। देश भर के लोग साल भर इस त्योहार का इंतजार करते हैं और इसे बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। राखी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। तो आइए जानें, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है –
रक्षा बंधन 2025: तिथि और समय
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 8 अगस्त 2025 – दोपहर 14:12 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 9 अगस्त 2025 – दोपहर 13:24 बजे
राखी बांधने का सही समय – 9 अगस्त 2025 – सुबह 5:47 बजे से दोपहर 13:24 बजे तक
भद्रा समय – इस बार भद्रा के लगने की चिंता ना करें, क्योंकि 9 अगस्त 2025 को भद्रा नहीं रहेगी और यह सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी।
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भद्रा से क्यों बचना चाहिए?
भद्रा को अशुभ माना जाता है। भद्रा भगवान शनिदेव की बहन और भगवान सूर्यदेव की पुत्री हैं। उन्हें अशुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब उनका जन्म हुआ था, तो वे संपूर्ण पृथ्वी को निगलने वाली थीं। परिणामस्वरूप, वे हवन और यज्ञ जैसे सभी शुभ अनुष्ठानों में बाधा डालती थीं। यह भी माना जाता है कि भद्रा काल में ही शूर्पणखा ने रावण को राखी बाँधी थी, जिसके परिणामस्वरूप उसका साम्राज्य नष्ट हो गया और भगवान श्री राम के साथ युद्ध में उसकी मृत्यु हो गई।
रक्षा बंधन का महत्व
Raksha Bandhan 2025रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है जो पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यहां तक कि, विदेश में रहने वाले लोग भी इस त्योहार को मनाते हैं और कूरियर के माध्यम से राखी और उपहार साझा करते हैं, वीडियो कॉल के माध्यम से भी इस दिन को मनाते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच के बंधन का प्रतीक है। सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी के रूप में रक्षा सूत्र बांधती हैं और इस शुभ त्योहार को मनाती हैं। वे दोनों मिठाइयां और उपहार बांटते हैं और इस दिन को एक साथ बिताते हैं। शुभ मुहूर्त में अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की सलाह दी जाती है। राखी रक्षा सूत्र का प्रतीक है, और अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधते समय, सभी बहनें उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं।