Raigarh Today News: भाजपा नेता मुरली पटेल के प्रयासों से माण्ड नदी पर कछार एनीकट हेतु मिली 38 करोड़ की स्वीकृति

Raigarh Today News: रायगढ़:- पूर्व सांसद प्रतिनिधि एवं भाजपा नेता मुरली धर पटेल के निरंतर प्रयासों से खरसिया विधान सभा में मांड नदी पर कछार एनीकेट हेतु 38 करोड़ की स्वीकृति मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन पर विधायक ओपी की पहल से मिली है। भाजपा नेता मुरली की पहल से मिली इस स्वीकृति से क्षेत्र के दर्जन भर गांववासियों को सीधा लाभ मिलेगा और सूखे की मार से निजात मिलेगी वही किसान दोहरी फसल का लाभ ले सकेंगे। भाजपा नेता मुरली ने बताया यह मांग बहुप्रतीक्षित थी एवं इसकी स्वीकृति से अंचल के किसानों ने मुख्यमंत्री साय विधायक ओपी सहित भाजपा सरकार के प्रति आभार जताया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर वित्त मंत्री ओपी के निर्देश पर
छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा रायगढ़ जिले के विकासखण्ड रायगढ़ के अंतर्गत माण्ड नदी पर कछार एनीकट निर्माण कार्य के लिए 37 करोड़ 99 लाख 33 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना के तहत निस्तारी, भू-जल संवर्धण एवं आवागमन की सुविधा के साथ ही 50 हेक्टेयर खरीफ एवं 50 हेक्टेयर रबी फसलों के लिए सोलर संयंत्र एवं पाईप लाईन हितग्राही किसानों द्वारा स्वयं के संसाधनों से सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। सिंचाई योजना के निर्माण कार्यों को पूरा कराने के लिए जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन द्वारा मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग बिलासपुर को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। ग्राम पंचायत कछार अंतर्गत मांड नदी में स्टॉप डेम की स्वीकृति से कछार, लेब्रा, देवरी, चारभाटा, नवापारा,जैमुरा,मुर्रा,बायंग,पंझर नंदेली रानिगुहा ग्राम वासियों को सीधा लाभ मिल सकेगा। भाजपा नेता मुरली धर पटेल ने गत वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री निवास में विष्णु देव साय से मुलाकात करते हुए क्षेत्र के किसानों की समस्या से अवगत कराया था।
*किसानों को हुआ चैन की मुरली का पहली बार एहसास*
मांड नदी पर कछार स्टॉप डेम की यह मांग बहुप्रतीक्षित रही किसानों मायूस भी हो गए थे लेकिन भाजपा नेता मुरली पटेल ने हिम्मत नहीं हारी वे लगातार इस मसले को लेकर पत्राचार करते रहे।अंततः भाजपा की सरकार आते ही विष्णु देव साय ने अपने संसदीय कार्यकाल में प्रतिनिधि रहे मुरली पटेल की मांग को गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया।विधायक ओपी की सार्थक पहल से इस मांग को बजट में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई अन्ततः इसे परियोजना को मंजूरी मिलते ही क्षेत्र के किसानों को पहली बार चैन की मुरली का एहसास हुआ