रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Raigarh Today News:  बाल विवाह रोकना हम सब की जिम्मेदारी-एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े

बाल विवाह के नुकसान, दंड एवं शिकायत हेल्प लाइन के संबंध में दी गई जानकारी

Raigarh Today News:  रायगढ़, 10 मार्च 2025/ कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े ने बाल विवाह रोकने के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समाज एवं एनजीओ प्रमुखों की बैठक कलेक्टोरेट सभा कक्ष में ली।

Read More:CG Daily news: पटाखा दुकान में लगी भीषण आग, दम घुटने से दो बच्‍चों समेत पांच लोगों की मौत…

एडीएम सुश्री संतन देवी जांगड़े ने कहा कि 21 वर्ष से कम उम्र के लड़का एवं 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की का विवाह कराया जाता है तो यह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। अधिकांश समाजों में यह प्रचलित है, जो सामाजिक अभिशाप है। उन्होंने बाल विवाह के पश्चात बच्चों के जीवन में होने वाले दुष्परिणाम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकना एवं खत्म करना हम सब की जिम्मेदारी है। जो सामूहिक प्रयास एवं जागरूकता से संभव हो पाएगा। उन्होंने सभी समाज प्रमुख एवं एनजीओ से जिले में बाल विवाह रोकने हेतु लोगों को जागरूक करने की दिशा में पहल करने को कहा।
इस दौरान डीपीओ श्री एल.आर.कच्छप ने बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई समाज में रीति-रिवाज के कारण कम उम्र में शादी कर दी जाती है। जिससे बच्चों का बचपन के साथ ही शिक्षा से वंचित होना, मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर, गर्भ के दौरान जच्चा बच्चा की मृत्यु की संभावना, कुपोषित शिशु होना जैसी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिए वर्तमान में बाल प्रतिषेध अधिकारी का दायरा बढ़ते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर तथा ग्राम पंचायत सचिव को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा बाल विवाह करवाने एवं सहयोग करने वालों पर सजा का भी प्रावधान है। जिसके तहत बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 2 वर्ष का कारावास या एक लाख रुपए का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के संबंध में भी जानकारी दी। डीपीओ श्री कच्छप ने बताया कि जिला अधिकारी, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), पुलिस, महिला हेल्पलाइन (181) में बाल विवाह होने की सूचना दी जा सकती है, जिस पर विभाग समन्वय कर कार्यवाही की जाती है।

 


*एडीएम सुश्री जांगड़े ने बाल विवाह रोकने दिलाई शपथ*
एडीएम सुश्री जांगड़े ने उपस्थित समाज प्रमुख, एनजीओ एवं अधिकारियों को बाल विवाह रोकने एवं सामाजिक बुराई को दूर करने शपथ दिलाई। सभी लोगों ने शपथ ली कि बाल विवाह सामाजिक बुराई एवं कानून का उल्लंघन है। जिससे बालिकाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं विकास में बाधक है। बाल विवाह रोकने हरसंभव प्रयास किया जाएगा। आस-पड़ोस एवं समाज में बाल विवाह नहीं होने देने तथा होने की स्थिति में इसकी सूचना सरकार को देने। बच्चों के शिक्षा और सुरक्षा के लिए आवाज बुलंद करते हुए बाल विवाह मुक्त भारत के निर्माण की शपथ ली।

Read More:Pension Amount Increase: पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी! पेंशन में बढ़ोतरी की तैयारी में सरकार, जानें कितनी बढ़ जाएगी आपकी पैंशन…

*बाल विवाह करवाने वालों पर हो सकती है कानूनी कार्यवाही*
Raigarh Today News:   डीपीओ श्री कच्छप ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधू के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक की विवाह करने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यदि वर या वधू बाल विवाह पश्चात विवाह को स्वीकार नहीं करते हैं तो बालिक होने के पश्चात विवाह को शून्य घोषित करने हेतु आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बाल विवाह प्रथा के उन्मूलन के लिए जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रतिनिधि, सामाजिक संगठन सहित आम जनों से सहयोग की अपील की है।

Related Articles

Back to top button