फ्लाइट कैंसिल होने पर यूक्रेन में फंसा गेजामुड़ा का किसान पुत्र ओमप्रकाश,जिस हॉस्टल को छोड़ा मेडिकल स्टूडेंट्स ने वह बमबारी से हुआ तबाह, परिजन हैं चिंतित

Raigarh News Live RGHNEWS PRASHANT TIWARI रायगढ़, 25 फरवरी। यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े महायुद्ध में जिला मुख्यालय से लगे ग्राम गेजामुड़ा का एक किसान पुत्र भी परदेस में फंसा है। इंडिया की फ्लाइट कैंसिल होने पर ओमप्रकाश पटेल ने जिस हॉस्टल को छोड़ा, वहां रूस ने बमबारी करते हुए तबाही मचा दी। ऐसे में अपने 25 भारतीय साथियों के साथ ओमप्रकाश यूक्रेन की राजधानी कीव के जिस हॉस्टल में पनाह ली, वहां बिजली-पानी तक नहीं होने से उनको भूखे-प्यासे रहना पड़ रहा है। ऐसे में पटेल परिवार अपने लाडले की सलामती के लिए दुआएं मांग रहे हैं।
रायगढ़ से कुछ दूर आगे ग्राम गेजामुड़ा के किसान ननकू पटेल का इकलौता बेटा ओमप्रकाश पटेल (23 वर्ष) यूक्रेन की जेबोर्जिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में बीते साल मेडिकल की पढ़ाई करने गया है। वर्ष 2021 में एमबीबीएस की फर्स्ट सेमेस्टर करने वाला ओमप्रकाश इनदिनों बुरे दौर से गुजर रहा है। दरअसल, यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ते ही पटेल परिवार के कहने पर ओमप्रकाश विगत 23 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव से फ्लाइट में इंडिया आने वाला था, लेकिन ऐन वक्त पर दोनों देशों में महासंग्राम होने पर उसकी फ्लाइट ही कैंसिल हो गई।
बताया जाता है कि बुधवार को हवाई सफर स्थगित होने पर ओमप्रकाश हॉस्टल छोड़कर हिंदुस्तान के अपने 25 साथियों के साथ जेबोर्जिया से ट्रेन पकड़ने के लिए कीव जाने निकला था ताकि वहां से कोई फ्लाइट मिल सके, मगर आधे रास्ते भर ही ट्रेन रुक गई। संकट के इस दौर में ओमप्रकाश और उसके साथी किसी तरह कीव के बस स्टैंड भी पहुंचे, लेकिन सुबह से शाम तक कोई भी बस या अन्य साधन नहीं मिलने पर मजबूरन उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज में फोनकर आपबीती बताई तो आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर वैन से 4-4 स्टूडेंट को कीव के दूसरे हॉस्टल में पनाह दिलाने की कवायद की गई। इस तरह कई ट्रिप के बाद जब सभी स्टूडेंट्स दूसरे हॉस्टल पहुंचे तो देखा कि वहां पहले से तकरीबन 1 हजार भारतीय स्टूडेंट्स रखे गए हैं।
ओमप्रकाश और उसके 25 मेडिकल स्टूडेंट्स साथियों ने बुधवार को जिस अपने हॉस्टल को छोड़ा, वहां शुक्रवार शाम को रूस ने 4 मर्तबे बमबारी करते हुए उसे नेस्तनाबूद कर दिया। गनीमत रही कि सभी भारतीय स्टूडेंट्स उसे छोड़ दूसरे सुरक्षित जगह निकल गए थे अन्यथा बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी।
Raigarh News Live इधर, यूक्रेन में अपने साथियों के साथ फंसे ओमप्रकाश ने अपने परिजनों को अपनी वीडियो और तस्वीर भेजते हुए बताया कि महायुद्ध के इस भीषण हालात में वे जिस हॉस्टल के बंकरनुमा जगह में दुबके हैं, वहां बिजली-पानी तक नहीं है। हॉस्टल के बंकर में नेटवर्किंग प्रॉब्लम होने पर रिस्क लेते हुए उसने छत में जाकर परिजनों को फोन से आपबीती बताई। हालात यहां तक है कि उनको खाने-पीने तक के लाले पड़े हैं। जबकि, बाहरी देशों के लगभग 500 स्टूडेंट्स जिस हॉस्टल में शरणार्थी बने हैं, वहां उनको भरपूर मात्रा में भोजन और पानी मिल रही है। यही वजह है कि यूक्रेन में अपने साथियों के साथ हॉस्टल में फंसे ओमप्रकाश की सही सलामत घरवापसी के लिए उसके माता-पिता और दो बहनें भगवान से प्रार्थना करते हुए न चाहकर भी अनजाने भय से अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं।