रायगढ़

Raigarh News : डेंगू एवं मलेरिया रोकथाम के संबंध में कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की बैठक, दिए एहतियाती निर्देश

Raigarh News :    कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रायगढ़ शहर में डेंगू के रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग व नगरीय निकाय की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ सोर्स रिडक्शन के दोहरे मोर्चे पर एक साथ काम करना होगा। इसके लिए शहर के ऐसे वार्ड जो ज्यादा प्रभावित है, वहां घर-घर जाकर सोर्स रिडक्शन का कार्य करना होगा। कलेक्टर श्री गोयल ने इस अभियान में सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जनसहभागिता को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि डेंगू लार्वा अमूमन साफ पानी में, घर के छतों में पड़े खाली टायर, गमले, प्लास्टिक कंटेनर, फ्रिज के टे्र आदि में पानी जमा रहने पर पनपता है। लोगों को इसके लिए जागरूक करते हुए उन्हें नियमित रूप से ऐसे जगहों पर जमा पानी को खाली करने हेतु प्रेरित करना है। जितना ज्यादा सोर्स रिडक्शन होगा उतनी जल्दी डेंगू नियंत्रण में आयेगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और नगरीय निकाय के साथ महिला बाल विकास की टीम को प्रभावित वार्डो में सघन जांच करने व टेमिफॉस दवा के छिड़काव के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम आयुक्त को नियमित साफ-सफाई, कचरे के उठाव किए जाने को लेकर निर्देशित किया।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्द्र यादव, आयुक्त नगर निगम श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, सीएमएचओ डॉ.बी.के.चंद्रवंशी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
*डेंगू के लक्षण*
डेंगू के लक्षण होने पर अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द होना, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह एवं मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकते उभरना जैसे लक्षण पाये जाते है। इस तरह के लक्षण पाये जाने पर निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्र /मितानिन/स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित करें एवं त्वरित जांच कर इलाज कराए।
*क्या करना चाहिए*
बारिश के बाद अपने घर के आसपास पानी जमा होने की जांच करें। सभी पानी के कंटेनरों/ओवरहेड टैंकों आदि को ठीक से ढककर रखें। हफ्ते में एक बार घरों, कार्यालयों, कारखानों, स्कूलों आदि में सभी कूलरों और कंटेनरों को साफ कर के सुखाएं। हर हफ्ते फ्रिज की पिछली ट्रे में पानी जमा होने की जांच करें और उन्हें अच्छे से सुखाएं। पक्षियों और जानवरों को खिलाने वाले बर्तन डेंगू का कारण बनने वाले मच्छर के प्रजनन का संभावित स्रोत हैं इसलिए इन्हें स्क्रब से साफ करें और हर हफ्ते पानी बदले। मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन के समय खुले हिस्सों पर मच्छर निरोधक का प्रयोग करें। मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े और लंबे कपड़े व पतलून पहनें जो हाथ और पैरों को ढकें। मच्छरों को दूर रखने के लिए जालीदार दरवाजे व खिड़कियां, मच्छर कॉइल वेपरमैट आदि का उपयोग करें। दिन के समय विशेष रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। उपरोक्त किसी भी तरीके से डेंगू के मरीजों को मच्छर के काटने से बचाएं। सुनिश्चित करें कि ईमारतों के आसपास के जमीनी क्षेत्रों में, छत पर कोई जलजमाव न हो और खुले स्थानो पर कोई टूटा हुआ फर्नीचर या कबाड़ न हो।
*क्या नहीं करना चाहिए*
टूटे हुए मिट्टी के बर्तन, बोतलें, गमले, फूलदान आदि को बाहर या छतों पर इक_ा न होने दें। उपयोग में न होने पर डेजर्ट कूलर में पानी न छोड़ें। फूलों के गमलों के नीचे प्लेटें न रखें। पानी को बिना ढके या ठीक से ढके हुए कंटेनरों और टैंकोंं में न रखें। घरों, वर्कशॉप, गोदामों आदि के बाहर टायर न रखें। नारियल पानी पीने के बाद नारियल के छिलकों को खुले में न फेंके, क्योंकि इन छिलकों में बारिश का पानी जमा हो सकता है, जिससे मच्छर पनप सकते हैं। गिलास, कप, प्लेट, कुल्हड़ आदि जैसी डिस्पोजेबल वस्तुओं को खुले में न फेंकें क्योंकि इन वस्तुओं में भी पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन का खतरा हो सकता है। डेंगू बुखार के रोगियों को एस्पिरिन और ब्रूफेन न दें, प्लेटलेट्स बहुत कम होने पर रक्त स्राव हो सकता है इसलिए टेबलेट पेरासिटामोल का उपयोग बुखार और शरीर दर्द के लिए किया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button