झीरम घाटी कांड की नई जांच में खेला,कांग्रेस नेता ने आयोग से जताई आपत्ति, कहा…….

Raigarh News झीरम घाटी कांड की नई जांच में खेला नवगठित झीरम घाटी जांच आयोग ने रायपुर स्थित मुख्यालय से अपना काम शुरू कर दिया है। पिछले महीने अखबार में विज्ञापन जारी कर आयोग ने शपथपत्र पर घटना से संबंधित गवाही मांगी है। लेकिन इसमें एक खेला हो गया है। झीरम घाटी कांड के पीड़ित और कांग्रेस नेता दौलत रोहड़ा ने इसपर आपत्ति की है।
दौलत रोहड़ा का कहना है, आयोग का यह विज्ञापन केवल बिलासपुर क्षेत्र में प्रकाशित हुआ है। इसकी वजह से प्रदेश के दूसरे हिस्सों में लोगों तक सूचना पहुंची ही नहीं। दौलत रोहड़ा ने झीरम घाटी कांड के विशेष न्यायिक जांच आयोग को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बताया है, आयोग की अधिसूचना का प्रकाशन पूरे राज्य में नहीं हुआ है। वे रायपुर में रहते हैं। यहां किसी भी अखबार में वह अधिसूचना पढ़ने को नहीं मिली। उनके एक मित्र से इस अधिसूचना की जानकारी बिलासपुर से दी है। रोहड़ा ने कहा है, यह विषय अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे में इस अधिसूचना का प्रकाशन पूरे प्रदेश में किया जाना चाहिए। दौलत रोहड़ा ने शपथपत्र देने की तिथि भी बढ़ाने की मांग की है।
ऐसे तो लोग गवाही भी नहीं दे पाएंगे
दौलत रोहड़ा ने कहा, झीरम घाटी कांड पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाला मामला है। अगर इसकी अधिसूचना का प्रकाशन सीमित क्षेत्र में हुआ तो लोगों को जानकारी नहीं होगी। ऐसे में बहुत से लोग गवाही नहीं दे पाएंगे।
नवम्बर में हुआ था आयोग का पुनर्गठन
नवम्बर 2021 में सरकार ने झीरम घाटी हमले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग में नया अध्यक्ष बना दिया।पुनर्गठितआयोग में दो सदस्यों को रखा गया। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के. अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। वहीं न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन को सदस्य के तौर पर आयोग में शामिल किया गया। इसका मुख्यालय रायपुर के शास्त्री चौक पर बनाया गया है।
न्यायिक आयोग की एक रिपोर्ट आ चुकी है
झीरम घाटी कांड के बाद मई 2013 में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयाेग गठित हुआ था। अक्टूबर 2021 में आयोग ने एक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी। उसके बाद छत्तीसगढ़ में हंगामा हो गया। राज्यपाल को सौंपे जाने पर सवाल उठे। सरकार ने कहा, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र के स्थानांतरण की वजह से रिपोर्ट अधूरी है। ऐसे में आयोग का पुनर्गठन हुआ और जांच के तीन और बिंदु शामिल किए गए।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्यों महत्वपूर्ण है झीरम
झीरम घाटी कांड की नई जांच में खेला कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए एक नक्सली हमले में 29 लोग मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार जैसे नाम भी शामिल थे। इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनका बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया। कहा जाता है कि यह देश में किसी राजनीतिक दल पर हुआ सबसे बड़ा नक्सली हमला था।