रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Raigarh News: रायगढ़ जिले की नई गाईडलाईन जारी, ग्रामीण क्षेत्रों में दी गई बड़ी सौगातें

नवीन गाईडलाइन दरों से जनता को मिल रही बड़ी आर्थिक राहत

Raigarh News:  रायगढ़, 13 दिसम्बर 2025/ राज्य सरकार द्वारा संपत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित नई गाइड लाइन दरें लागू की गई है। नई गाइडलाइन दरों में नगरीय क्षेत्रों में भूमि की दरों की विसंगति को दूर कर एकरूप किया गया है। अलग-अलग दरों की कंडिकाओं को घटाकर कम किया गया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी लंबे समय से एक ही मुख्य मार्ग से लगे ग्रामों के बीच दरों में भारी विसंगतियाँ थीं। नई गाइडलाइन दरों में इसे भी दूर कर तार्किक रूप से एक समान किया है।

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जिला पंजीयक रायगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि रायगढ़ जिला के उप पंजीयक कार्यालयों के गाइड लाईन दरों में किये गये जन हितैषी सुधारो में एक प्रमुख सुधार ग्रामीण क्षेत्रो में डायवर्सन भूमि के बाजार मूल्य की गणना हेक्टेयर दर पर होना है। पूर्व प्रचलित गाइडलाइन उपबंध में ग्रामीण क्षेत्र में परिवर्तित्त भूमि विक्रय किये जाने पर निर्धारित बाजार मूल्य का 2.5 गुणा कर बाजार मूल्य की गणना की जाती थी जबकि वर्तमान गाइड लाइन उपबंध में 26 सितम्बर 2025 से इस उपबंध को पूर्णतः विलोपित कर दिया गया है तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में परिवर्तित भूमि के बाजार मूल्य की गणना हेक्टेयर दर पर करने का निर्णय लिया गया है। जिससे आम जनता को लगने वाले 2.5 गुणा अतिरिक्त बाजार मूल्य पर स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क का भुगतान करना पड़ता था। इस उपबंध के विलोपित हो जाने पर आम जनता को स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क के भुगतान में भारी छुट का लाभ मिल रहा है

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उदाहरण स्वरुप कार्यालय उप पंजीयक सारंगढ़ के ग्राम टिमरलगा (प.ह.न.42) में कुल परिवर्तित भूमि 5.98 एकड़ का बाजार मूल्य की गणना हेक्टेयर दर पर करने पर 84 लाख बाजार मूल्य पर पंजीयन हेतु दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसका स्टाप ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क के रूप में कुल 8.90 लाख रूपए जमा कर पंजीयन कराया गया। इस प्रकार पक्षकार ने केवल 8.90 लाख रुपये का भुगतान किया। जबकि पूर्व प्रचलित गाइड लाइन उपबंध के आधार पर 2.5 गुणा गणना करने पर बाजार मूल्य 2.10 करोड़ रूपये के आधार पर पक्षकार को स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क के रूप में कुल 22.26 लाख का भुगतान करना पड़ता। इस प्रकार शासन द्वारा पूर्व प्रचलित उपबंध को विलोपित किये जाने पर पक्षकार का 13.36 लाख रुपये का बचत हुआ अर्थात 13.36 लाख रुपये का भुगतान से छुट /लाभ प्राप्त हुआ जो आम जनता के लिए एक बहुत बड़ी राशि की राहत है। गाइडलाइन दरों में किये गए इन जनहितैषी सुधारों से ग्रामीण क्षेत्र में परिवर्तित भूमि के विक्रय पर पंजीयन एवं स्टांप शुल्क में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप आम जनता को हजारों-लाखों रुपये की प्रत्यक्ष आर्थिक राहत प्राप्त हो रही है। यह सुधार न केवल नागरिकों के आर्थिक भार को कम करता है, बल्कि पारदर्शी एवं सुगम पंजीयन व्यवस्था की दिशा में शासन की प्रतिवद्धता को भी दर्शाता है। इन संशोधित दरों से भूमि क्रय-विक्रय की प्रक्रिया और अधिक सरल, सुलभ एवं जनहित उन्मुख हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। भविष्य में भी इसी प्रकार के सुधार आम जनता के हितों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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