रायगढ़ न्यूज़ (समाचार)

Raigarh News: खड़ी फसल को रौंदने वाले दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने किसानों के घेरा थाना…

Raigarh News रायगढ़, 3 अप्रैल। केलो परियोजना के लिए नहर निर्माण को लेकर ग्रामीणों और प्रशासन के बीच टकराव जारी है। खड़ी फसल को रौंदने वाले दोषियों के खिलाफ एफआरआई दर्ज कराने नेतनागर के कृषकों ने किसान जल अधिकार आंदोलन समिति के साथ जूटमिल थाने को ही घेर लिया। पुलिस ने मामला पंजीबद्ध नहीं किया तो थाने के सामने तपती धूप में ढाई घंटे तक सड़क में बैठने वाले किसान न्याय की आस में कोर्ट गेट में प्रदर्शन करने लगे। काफी आरोप-प्रत्यारोप के बाद पुलिस ने जब किसानों की शिकायतों को थाने के रोजनामचे में लिखा, तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ।

जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम नेतनागर में नहर निर्माण के विरोध में किसान जल अधिकार आंदोलन समिति ने कृषकों की खड़ी फसल को रौंदने वाले केलो परियोजना के अधिकारी, ठेकेदार और पुसौर तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर सोमवार दोपहर जूटमिल थाने को घेरने का ऐलान किया था। ऐसे में संभावित किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कप्तान सदानंद कुमार और एडिशनल एसपी संजय महादेवा तथा सीएसपी अभिनव उपाध्याय ने जूटमिल थाने के सामने बेटिकेड्स लगवाते हुए अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया था। अपरान्ह तकरीबन पौने 1 बजे नेतनागर से किसान नेता लल्लू सिंह, सतवीर सिंह, अमृत सिंह जटाल, अमरजीत सिंह, परमजीत सिंह अपने साथियों को मोटर सायकिल, कार तथा डाला बॉडी गाड़ी से लेकर दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर जूटमिल थाने पहुंचे तो वहां थाना प्रभारी रामकिंकर यादव के साथ ट्रैफिक डीएसपी सुशांतो बनर्जी ने भीड़ को बाहर ही रोक दिया।

ऐसे में थाना घेरने पहुंचे किसानों को बेटिकेड्स के बाहर देख जिला बचाओ संघर्ष नेता राधेश्याम शर्मा, जयंत बहिदार, नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी, भाजपा नेता विलिस गुप्ता, सुरेंद्र पांडेय, शक्ति अग्रवाल ने अपना समर्थन दिया तो किसान जल अधिकार आंदोलन समिति के लोग तपती धूप की परवाह किए बगैर सड़क पर ही बैठ गए और दोषियों के खिलाफ एफआईआर लिखने की मांग करने लगे। नेतनागर के किसान कृष्णकुमार पटेल का कहना था कि वे अपनी खड़ी फसल पर जेसीबी चलावाने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने आए हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है। थाने के सामने ढाई घंटे तक प्रदर्शन के बाद भी जब किसानों की किसी प्रकार से सुनवाई नहीं हुई तो वे न्यायालय के बाहर जाकर प्रदर्शन करने लगे।

जूटमिल थाने से जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य द्वार के सामने किसानों के पहुंचने की भनक एसडीओपी दीपक मिश्रा को लगी तो वे मातहत दल के साथ वहां गए और उनको समझाईश देने लगे, मगर किसान जल अधिकार आंदोलन समिति से जुड़े लोग थाने के रोजनामचे में विधिवत अपनी शिकायतों को दर्ज कराने की जिद पट अड़े रहे। किसानों का कहना था कि उन्होंने नहर निर्माण का विरोड किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हुई, लेक़िन जिन लोगों ने उनकी खड़ी फसल को तबाह किया, उनका पक्ष क्यों लिया जा रहा है। ऐसे में वे डिस्ट्रिक्ट जज से मिलकर अपनी फरियाद बताए बगैर नहीं जाएंगे। काफी तर्क-वितर्क के पश्चात देर शाम जब एसडीओपी दीपक मिश्रा ने आंदोलनकारियों को जब जूटमिल थाने में अपनी शिकायत लिखवाने के लिए भरोसा दिलाया। इसके बाद किसानों ने जूटमिल थाने जाकर अपने फसल बर्बादी के लिए केलो परियोजना के कार्यपालन अभियंता फुलेकर, पुसौर तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा और ठेकेदार के खिलाफ रोजनामचे में अपनी शिकायतें दर्ज कराई तो देर शाम मामला सुलटा।

 

*फसल नुकसान से कृष्णकुमार की आजीविका हुई प्रभावित*

 

नेनागर से जूटमिल थाना पहुंचे किसान कृष्ण कुमार पटेल ने पुलिस को आवेदन देते हुए बताया कि वह कृषि कार्य से अपने परिवार का भरण पोषण करता है। बीते 27 मार्च को पुसौर तहसीलदार एनके सिन्हा, केलो परियोजना के कार्यपालन अभियंता फुलेकर और केलो परियोजना अपने मातहत कर्मचारियों के साथ 8 जेसीबी मशीन लाकर सुबह उसके खेत जिसका ख.नं. 367 रकबा 0.045 में मूंग की फसल लगाई गई थी, उसमें बिना सूचना के खुदाई करने लगे। फसल खराब होने की जानकारी मिलने पर वह खेत गया और खोदाई रोकने के साथ फसल को नष्ट करने के लिए मना किया तो तहसीलदार और केलो परियोजना के अधिकारियों ने अपशब्द कहते हुए धमकी दिया। किसान का यह भी आरोप है कि केलो परियोजना के ईई और तहसीलदार ने धमकाया कि भाग जाओ नहीं गोली चलवा देंगे और किसान जब नहीं भागे तो उनको गिरफ्तार करवा दिया। वहीं अन्य किसानों के खेत में लगे खड़ी फसल में भी जेसीबी चलाकर भारी नुकसान किया। इस बात को लेकर पूरे गांव में दहशत का माहौल रहा। इसकी वजह से समय पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं करा सके। इसके अलावा अन्य किसानों ने भी पुलिस को अधिकारियों के खिलाफ आवेदन सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई।

मार्ग पर जाम की स्थिति रही निर्मित

नेतानागर के किसानों के द्वारा थाना के बाहर प्रदर्शन किए जाने जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी। ऐसे में यातायात डीएसपी सुशांतो बनर्जी, जूटमिल थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी प्रदर्शन कर रहे किसानों के पास पहुंचे और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। वहीं वे लगातार यह मांग कर रहे थे कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बात नहीं बनने की स्थिति में वे न्यायालय के बाहर पहुंचे थे।

 

 

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इस बात को लेकर नहर का विरोध

Raigarh Newsकिसानों के द्वारा नहर निर्माण का विरोध किया जा रहा है। शुरुआत में किसानों के द्वारा गांव में ही इसका विरोध किया। इससे बात नहीं बनी तो पदयात्रा करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इस समय किसानों ने कलेक्टर के द्वारा राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन के माध्यम से यह बताया गया कि साजिश के तहत वृहद्ध सिंचाई परियोजना के सिंचित क्षेत्र में निज उद्योगों की स्थापना और केलो नदी से उद्योगों को पानी देने लिए उक्त केलो बोध की ऊंचाई को कम कर दिया गया। इससे सिंचित क्षेत्र कम हो गया है। केलो बीध परियोजना की ऊंचाई कम करने और परियोजना को छोटा कर वृहद बांध परियोजना के स्वरूप को छोटा कर दिया गया है। अब बांध में इतना पानी ही नहीं है कि खेतों सिंचाई लिए पानी उपलब्ध होगा।

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