Raigarh News रायगढ़, 17 मार्च। नहर निर्माण को लेकर आंदोलन के सातवें रोज निर्णायक बैठक में किसान जल अधिकार आंदोलन का गठन किया गया। प्रभावित किसान 20 मार्च को नेतनागर से पदयात्रा कर रायगढ़ जाएंगे। बैलगाड़ी-ट्रैक्टर के अलावे 5 हजार किसान पैदल चलकर कलेक्ट्रेट में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए अपना पक्ष रखेंगे।
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम नेतनागर में केलो परियोजना के नहर निर्माण के विरोध में जारी आंदोलन के सातवें दिन मैराथन बैठक शाम से रात तक 3 घंटे चली। इस महत्वपूर्ण बैठक की खासियत रही कि भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य राजनीति दलों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों को समर्थन दिया। किसानों ने एक स्वर में कहा कि प्रशासन अगर केलो परियोजना के नहर में बारह माह पानी आने की लिखित में गारंटी दे तो वे हांमी भर सकते हैं। वहीं, पहले डैम की ऊंचाई बढ़ाओ, फिर नहर बनाओ की मांग करने वाले किसानों ने मुआवजा नहीं, पानी चाहिए का नारा भी लगाया।
चूंकि, शक्रवार शाम नेतनागर में निर्णायक बैठक को नई दिशा देने किसानों ने विभिन्न संगठनों को विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया था, इसलिए नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी, भाजपा नेता विलिस गुप्ता, सुरेंद्र पांडेय, शक्ति अग्रवाल, जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा नेता जयंत बहिदार तथा राधेश्याम शर्मा वहां गए और खुलकर अपना समर्थन देते हुए आखरी तक साथ देने का वादा भी किया। वहीं, किसान नेता लल्लू सिंह, अमृत सिंह जटाल, सतवीर सिंह, महावीर प्रधान, मदन प्रधान ने काफी विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया कि प्रशासन को जगाने नेतनागर से 20 मार्च को पदयात्रा होगी।
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RaigarhNews पदयात्रा की रूपरेखा तय होने के साथ लड़ाई को किसान जल अधिकार आंदोलन का नाम दिया गया। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि नेतनागर से पैदल चलकर रायगढ़ तक लोइंग, महापल्ली, जामगांव सहित पुसौर क्षेत्र के लगभग 5 हजार किसान ट्रैक्टर तथा बैलगाड़ी लेकर पैदल कलेक्ट्रेट जाएंगे और जिलाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्या गिनाएंगे।