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Protest in Ladakh: कड़ाके की ठंड में सड़क पर उतरे हजारों लोग….जाने क्या है वजह

Protest in Ladakh : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में एक बार फिर से लोग सड़क पर उतर आए हैं। कड़कड़ाती ठंड में बड़ी संख्या में लोग रैलियां कर रहे हैं। हजारों लोग सड़कों पर मार्च निकाल रहे हैं। आज रविवार को भी प्रदर्शन जारी है। सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियोज में बड़ी तादाद में नारे लगाती और अपनी मांगे बताती भीड़ दिख रही है। वहीं दूसरी तरफ शनिवार को लेह जिले में कंपलीट शटडाउन का ऐलान किया गया था। लेह जिले के लोग चार मुख्य मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में बंद का आह्वान लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने किया था। इनकी तरफ से 23 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा गया था।

ये है चार मुख्य मांगें हैं-

1. लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए
2. लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत दर्जा दिया जाए
3. लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं
4. नौकरी आरक्षण के लिए लद्दाख लोक सेवा आयोग (LPSC

सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया है। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा कि, 3 फरवरी को लेह लद्दाख की लगभग एक चौथाई वयस्क आबादी भारतीय संविधान की छठवीं अनुसूची के तहत लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली और इसकी सुरक्षा के लिए लेह के ऐतिहासिक पोलो मैदान में इकट्ठा हुई है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री से भी अपनी मांगों को लेकर अपील की है।

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LAB और KDA के कानूनी सलाहकार हाजी गुलाम मुस्तफा ने मीडिया को बताया कि, जब से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश UT बना है तब से ही एपेक्स बॉडी और KDA, चारों मांगें उठा रही हैं। हमारी सभी पावर्स (शक्तियां) जो जन-केंद्रित थीं, कमजोर हो गई हैं। जब हम जम्मू-कश्मीर का हिस्सा थे, तो विधानसभा में हमारे चार सदस्य थे और विधान परिषद में दो सदस्य थे। अब विधानसभा में हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

लद्दाख को है एक लोक सेवा आयोग की जरूरत

Protest in Ladakh : गुलाम मुस्तफा ने आगे कहा कि, जब से लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना है इस क्षेत्र में कोई गैजेटेड नौकरी के अवसर नहीं आए हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर में दो बैच पहले ही चालू हो चुके हैं और तीसरा बैच जल्द ही चालू होने वाला है। लद्दाख को तुरंत एक लोक सेवा आयोग की जरूरत है। बता दें, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। उस वक्त लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। बीते दो सालों से वहां के लोग पूर्ण राज्य के दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

 

 

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