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Privatisation Bank:वित्तमंत्री सीतारमण ने दी बड़ी जानकारी, सरकारी बैंक तेजी से हो रहे प्राइवेट,जल्द होगा निजीकरण

Privatisation Bank : केंद्र सरकार (Central Government) तेजी से देश के सरकारी बैंकों का निजीकरण (privatisation) कर रही है. इस कड़ी में अगले साल तक एक और सरकारी बैंक का प्राइवेटाइजेशन (bank privatisation latest news) होने जा रहा है. देश की बैंकिंग व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. बता दें सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को उम्मीद है कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण (IDBI Bank Privatisation) होने तक उसमें किए गए 21,624 करोड़ रुपये के निवेश की वसूली हो जाएगी. एक अधिकारी ने यह बात कही.

IDBI के शेयरों में दिख रही है तेजी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एलआईसी को यह उम्मीद इसलिए है, क्योंकि आईडीबीआई के शेयरों (IDBI Share Price) में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है.

35 रुपये से बढ़कर 45 रुपये पहुंचा शेयर
अधिकारी ने कहा कि पिछले साल मई में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से शेयर की कीमत 35 रुपये प्रति शेयर से बढ़कर 45 रुपये प्रति शेयर हो गई है.

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सरकार के पास है 45.8 फीसदी हिस्सेदारी
उन्होंने कहा है कि हमें आईडीबीआई बैंक के शेयरों में और तेजी की उम्मीद है. कीमत, उस स्तर तक पहुंच सकती है, जिस पर एलआईसी ने 2019 में इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी. IDBI Bank में सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) की संयुक्त रूप से 94.72 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है, जबकि बाकी 45.48 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है. सार्वजनिक शेयरधारकों की हिस्सेदारी 5.28 फीसदी है.

LIC ने 61 रुपये प्रति शेयर पर खरीदी थी हिस्सेदारी
एलआईसी ने 2019 में 61 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 21,624 करोड़ रुपये में आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. दिसंबर 2020 में एक क्यूआईपी निर्गम के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49 फीसदी रह गई थी.

बजट में हुई थी घोषणा
Privatisation Bank:अधिकारी ने कहा है कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण सरकार और एलआईसी दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा. आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की घोषणा 2021-22 के आम बजट में की गई थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था.

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