PM Modi launches RDI Fund: पीएम मोदी ने लॉन्च किया 1 लाख करोड़ का RDI फंड, जानिए आम आदमी को क्या फायदा?

PM Modi launches RDI Fund : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड की शुरुआत की है, जिसका कॉर्पस (कुल राशि) एक लाख करोड़ रुपये है. यह फैसला निजी क्षेत्र को देश में शोध और विकास (R&D) में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला है. यह घोषणा पहले एमर्जिंग साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) के दौरान की गई. इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों पर एक शानदार कॉफी टेबल बुक और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट भी लॉन्च किया.
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पैसा सीधे उद्योग को नहीं मिलेगा
RDI फंड सीधे तौर पर किसी उद्योग या स्टार्टअप में पैसा नहीं लगाएगा, यह इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत है. इसके संचालन के लिए दो-स्तरीय (two-tiered) फंडिंग संरचना बनाई गई है, ताकि पारदर्शिता और विशेषज्ञता बनी रहे. पहले स्तर पर, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (ANRF) के तहत एक विशेष उद्देश्य फंड (SPF) स्थापित होगा. यही फंड एक लाख करोड़ रुपये के कॉर्पस का संरक्षक होगा. यह SPF, दूसरे स्तर के फंड मैनेजरों को पैसा उपलब्ध कराएगा. इसके फंड मैनेजर,वैकल्पिक निवेश फंड (AIF), विकास वित्त संस्थान (DFI), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और इस तरह की अन्य वित्तीय संस्थाएं हो सकती हैं.
निवेश का फैसला सरकार नहीं, विशेषज्ञों की टीम लेगी
फंड के निवेश की सिफारिश करने का ज़िम्मा इन्हीं फंड मैनेजरों का होगा. वे एक निवेश समिति (Investment Committee) के ज़रिए अपनी सिफारिशें देंगे. इस समिति में वित्तीय, व्यापारिक और तकनीकी क्षेत्रों के उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ शामिल होंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये समितियां सरकार से स्वतंत्र (Arm’s Length) तरीके से काम करेंगी. इसका मतलब है कि फंड कहां निवेश होगा, इसका फैसला राजनीतिक या सरकारी दखल से दूर, विशुद्ध रूप से व्यावसायिक और तकनीकी मापदंडों के आधार पर लिया जाएगा. यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि निवेश केवल सर्वश्रेष्ठ और सबसे प्रभावी रिसर्च प्रोजेक्ट्स में ही हो. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) को इस RDI फंड का नोडल मंत्रालय बनाया गया है, जो पूरे समन्वय की ज़िम्मेदारी संभालेगा.
आम आदमी को क्या फायदा?
PM Modi launches RDI Fundजब रिसर्च और डेवलपमेंट में निजी निवेश बढ़ेगा, तो इसका सीधा असर देश में बनने वाले उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ेगा. नई तकनीकें और सस्ते, बेहतर उत्पाद बाज़ार में आएंगे. उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य सेवा में बेहतर और कम लागत वाले उपकरण, खेती के लिए उन्नत बीज और मशीनरी, या फिर रोज़गार के लिए नए, उच्च-तकनीकी अवसर, यह सब रिसर्च और इनोवेशन का ही नतीजा होगा



