PIL Against Congress: Congress की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका…

PIL Against Congress सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बिहार एसआईआर को लेकर अहम सुनवाई है। इससे ठीक पहले एक जनहित याचिका ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाली कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है।
कांग्रेस के खिलाफ याचिका में क्या है
याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।
क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
दावा है कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान के प्रति वफादारी की शपथ को तोड़ा है। याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।
नियमों का हवाला देते हुए पीआईएल कहती है- निर्वाचन आयोग को देशभर में मतदाता सूची तैयार करने और संशोधन करने का विशेष अधिकार प्राप्त है, जो प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग उठाई है। याचिकाकर्ता ने कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ चलाए जा रहे ‘दुष्प्रचार’ की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराई जाए और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
बिहार में SIR प्रक्रिया पर भी SC में मामला
PIL Against Congressशुक्रवार को देश की शीर्ष अदालत चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेगी। यह इस बात की समीक्षा करेगी कि क्या मतदाता सूची के परीक्षण का काम बिहार में सही तरीके से किया जा रहा है।