petrol -diesel price:फिर सस्ता हुआ पेट्रोल – डीजल चेक करे लेटेस्ट रेट
petrol -diesel price:बीते 10 महीनों में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम (Crude Oil Price in International Market) में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. जहां ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत (Brent Crude Oil Price) में 35 फीसदी से ज्यादा की कमी देखने को मिली है और डब्ल्यूटीआई के दाम (WTI Crude Oil Price) में 38 फीसदी से ज्यादा की कमी आ चुकी है. जानकारों की मानें तो क्रूड ऑयल को लेकर जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है, आने वाले दिनों में ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई के दाम में 5 डॉलर की गिरावट आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो ब्रेंट क्रूड 82 डॉलर पर आ जाएगा और भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol And Diesel Price) में गिरावट की संभावना बढ़ जाएगी. एक अनुमान के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दाम में 5 रुपये की गिरावट देखने को मिल सकती है.
बीते 10 महीनों की बात करें तो क्रूड ऑयल के दाम में 35 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. 7 मार्च को ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 139.13 डॉलर प्रति बैरल के साथ हाई पर पहुंच गए थे. जो आज कारोबारी सत्र में 87.81 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. इस दौरान ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में 37 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि डब्ल्यूटीआई के दाम 7 मार्च को 130.50 डॉलर प्रति बैरल के साथ हाई पर था जो 80.41 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. इस दौरान डब्ल्यूटीआई में 38 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
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petrol -diesel price:क्रूड ऑयल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. यह गिरावट 5 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो सकती है. जिसके लिए उन्होंने 4 कारण बताए हैं.
1. दुनिया की बड़ी कंपनियां ईयर एंड के दौरान अपने पुराने हेज फंड्स को खत्म करने के बारे में विचार करती है. जिसकी वजह से ऑयल से डिमांड कम हो जाती है.
2. अमेरिका में स्टॉक्स और शेल्स में इजाफा देखने को मिल सकता है. जिसकी वजह से डिमांड से ज्यादा सप्लाई भी बढ़ गई है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट के आसार हैं.
3. चीन में फिर से कोविड अपने पांव पसार रहा है, जिसकी वजह से बार-बार लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है. दुनिया की तमाम इकोनॉमीज को भी डर है कि कोविड की नई लहर आ सकती है. जिसकी वजह से लगातार डिमांड कम हो रही है.
4. हाल ही में यूके प्राइम मिनिस्टर रिषी सुनक ने कहा था कि अब वो कच्चे तेल के लिए अपने ही देश में ड्रिलिंग में इजाफा करेंगे. जिसको देखते यूरोप के बाकी देशों ने भी ड्रिलिंग बढ़ाई है, जिसकी वजह से प्रोडक्शन में इजाफा होने के आसार बढ़ गए हैं.