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Papaya Cultivation : पपीते की खेती कर अपनी आमदनी को करे डबल जाने क्या है इस खेती के तौर तरीके

पपीते की खेती कर अपनी आमदनी को करे डबल जाने क्या है इस खेती के तौर तरीके  किसानो की आमदनी में वृद्धि करने के लिए सरकार फल-फूल एवं सब्जियों की खेती को बढ़ावा दे रही है। जिसे की किसान भाई अधिक से अधिक इन फसलों की खेती के लिए प्रेरित हो सके इसके लिए सरकार इनके उत्पादन पर भारी अनुदान भी दे रही है। सरकार राज्य में पपीता उत्पादन का रकबा बढ़ाने के साथ ही राज्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना एवं राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना चला रही है। आपकी जानकारी के ली इस खबर के माध्यम से जानकारी दे रहे है की आप किस प्रकार से इस योजन का लाभ ले सकते है इसलिए खबर को अंत तक पड़े.

इन पोषक तत्वों से होता है भरपपुर 

जैसा की आपको पता है की  पपीता  सभी के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक तथा विटामिन ए से भरपूर फल होता है। वही आपको बता दे की  पपीते का वानस्पतिक नाम केरिका पपाया है। पपीता कैरिकेसी परिवार का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है। पपीता एक बहुलिडीस पौधा है तथा मुरकरटय से तीन प्रकार के लिंग नर, मादा तथा नर व मादा दोनों लिंग एक पेड़ पर होते हैं। पपीता के पके व कच्चे फल दोनो उपयोगी होते हैं। कच्चे फल से पपेन बनाया जाता है। जिसका सौन्दर्य जगत में तथा उद्योग जगत में व्यापक प्रयोग किया जाता है। इस लिए इस फल की अधिकाय मात्रा में उपयोग किया जाता है।

Papaya Cultivation : पपीते की खेती कर अपनी आमदनी को करे डबल जाने क्या है इस खेती के तौर तरीके

इन समय अवधि में करे इसकी खेती 

हर व्यक्ति को कोई न कोई कोई फल पसनद होता है जैसे की कोई को मुसम्बी कोई को  केला और कोई को पपीता उसकी प्रकार केला एक सदाबहार मधुर फल है, जो स्वादिष्ट और रुचिकर होता है। यह हमारे देश में सभी जगह उत्पन्न होता है। यह बारहों महीने होता है, लेकिन यह फ़रवरी-मार्च और मई से अक्टूबर के मध्य विशेष रूप से पैदा होता है। इसका कच्चा फल हरा और पकने पर पीले रंग का हो जाता है। पका पपीता मधुर, भारी, गर्म, स्निग्ध और सारक होता है। पपीता पित्त का शमन तथा भोजन के प्रति रुचि उत्पन्न करता है।इसलिए भी इसकी बहुत डिमाडं रहती है।

 

इस तरह से करे इसकी बुवाई और रोपण

आपकी जानकरी के लिए बता दे की इस फसल की अच्छी उपज लेने के लिए अच्छी तरह से तैयार खेत में 2 x2 मीटर की दूरी पर 50x50x50 सेंटीमीटर आकार के गड्‌ढे मई के महीने में खोद कर 15 दिनों के लिए खुले छोड़ देने चाहिएं, ताकि गड्‌ढों को अच्छी तरह धूप लग जाए और हानिकारक कीड़े-मकोड़े, रोगाणु वगैरह नष्ट हो जाएँ। पौधे लगाने के बाद गड्‌ढे को मिट्‌टी और गोबर की खाद 50 ग्राम एल्ड्रिन मिलाकर इस प्रकार भरना चाहिए कि वह जमीन से 10-15 सेंटीमीटर ऊँचा रहे। गड्‌ढे की भराई के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे मिट्‌टी अच्छी तरह बैठ जाए  तब इसमें सिंचाई करना जरूति हो जाट है।

Papaya Cultivation : पपीते की खेती कर अपनी आमदनी को करे डबल जाने क्या है इस खेती के तौर तरीके

पपीते की उपज

आखिर आपको इस बात से अंदाजा  होंगे की आमतौर पर पपीते की उन्नत किस्मों से प्रति पौध 35-50 किलोग्राम उपज मिल जाती है, जबकि इस नई किस्म से 2-3 गुणा ज्यादा उपज मिल जाती है। तो इसी की खेतों से उपज भी अच्छी खासी निकल है मतलब  अगर जीतनी अच्छी फसल की देखरेख करेंगे उतनी अच्छी आपको उत्पादन मिलेगा।

 

 

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