रोहतास: बिहार पुलिस ने नक्सल नेता और सेंट्रल कमेटी मेम्बर विजय आर्य उर्फ दिलीप उर्फ जसपाल को पकड़ने में सफलता पाई है। पटना आईबी टीम ने उसे रोहतास के पहाड़ी क्षेत्र से बुधवार को गिरफ्तार किया। उसके साथ एक सहयोगी और एक महिला नक्सली को भी पकड़ा गया है। कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और नक्सल साहित्य भी जब्त किए गए हैं। विजय आर्य छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। उसे सेंट्रल कमेटी का टॉप लीडर माना जाता है।
एसपी आशीष कुमार भारती ने बुधवार की रात मीडिया से चर्चा में बताया कि गिरफ्तार कुख्यात नक्सली विजय आर्य मूलत: गया जिले के करमा गांव का रहने वाला है। वह तीस साल से नक्सली संगठन में शामिल था। हाल के दिनों में रोहतास में नक्सली गतिविधि सुस्त पड़ने के कारण सेंट्रल कमेटी ने उसे रोहतास और कैमूर में माओवादी संगठन को विस्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। विजय आर्य के साथ उसके अन्य सहयोगी सुदामा पासवान व एक महिला नक्सली की भी गिरफ्तारी हुई है। कई पुलिसकर्मियों की हत्या करने से लेकर बम विस्फोट व अन्य घटनाओं में विजय आर्य की प्रमुख भूमिका थी।
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की पुलिस विजय आर्य की गिरफ्तारी के लिए खाक छान रही थी। करीब चार दिनों से विजय आर्य रोहतास-कैमूर के पहाड़ी क्षेत्रों में भाकपा माओवादी संगठन को विस्तार करने में जुटा था। इसी बीच पटना आईबी की टीम को सूचना मिली की विजय आर्य रोहतास-कैमूर में माओवादी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। फिर आईबी टीम ने रोहतास पुलिस के सहयोग से मोबाइल टॉवर लोकेशन के आधार पर उसके पीछे पड़ गई।
करीब बीस की संख्या में आईबी और पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में हथियारों से लैस होकर विजय आर्य तक पहुंची और उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। तब शायद विजय आर्य को यह पता भी नहीं था कि उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम पहुंची है। रोहतास पुलिस ने इसकी सूचना पुलिस मुख्यालय को दी और अन्य राज्यों की पुलिस को दे दी है।