National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल गांधी को बड़ी राहत, आपराधिक साजिश रचने का आरोप…

National Herald Case नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि ईडी चाहे तो जांच जारी रख सकती है। गांधी परिवार पर दो हजार करोड़ की संपत्ति गलत तरीके से हड़पने का आरोप है।
राहुल के अलावा इन नेताओं को किया गया था नामजद
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को नामजद किया था। हालांकि ईडी की जांच पर कांग्रेस की दलील थी कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। जबकि ईडी का दावा है कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है जिसमें फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स (AJL) की 2 हजार करोड से अधिक संपत्तियों को गलत तरीके से हड़पने का आरोप लगाया था।
ईडी चाहे तो जांच रख सकती है जारी
एडवोकेट संदीप लांबा ने कहा कि मैं शिकायतकर्ता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। कोर्ट के आज के फैसले में कहा गया है कि ईडी ने सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर शिकायत के आधार पर FIR दर्ज नहीं की। इसलिए, कोर्ट ने मामले की खूबियों पर कोई बात नहीं की है। ईडी अपनी जांच जारी रखने के लिए स्वतंत्र है और FIR दर्ज कर सकती है। मुख्य बात यह है कि अगर ईडी ने स्वामी की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की होती, तो आज यह इनकार नहीं होता। ईडी स्वतंत्र है। कोर्ट की तरफ से कोई रोक नहीं है। ईडी जांच के लिए जो चाहे कर सकती है।
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
National Herald Caseवहीं, इस मामले पर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि सत्य की जीत हुई है। सरकार की बदनीयत और गैरकानूनी तरीके से की गई कार्रवाई पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। माननीय अदालत ने यंग इंडियन मामले में कांग्रेस नेतृत्व – सोनिया गांधी और राहुल गांधी जी के खिलाफ ED की कार्रवाई को अवैध और दुर्भावना से ग्रसित पाया है। अदालत ने फैसला दिया है कि ED का मामला क्षेत्राधिकार से बाहर है, उसके पास कोई FIR नहीं है जिसके बिना कोई मामला ही नहीं बनता। सरकार द्वारा पिछले एक दशक से मुख्य विपक्षी दल के ख़िलाफ़, राजनैतिक प्रतिशोध और बदले की भावना से की जा रही यह कार्रवाई आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो गई है



