
Modi cabinet प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए कई कदम उठाए गये. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम फसल योजना का आवंटन बढ़ाकर 69515 करोड़ किया गया. अब तकनीक के सहारे जल्द एसेसमेंट और क्लेम सेटलमेंट होगा. इसके साथ ही डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) पर अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी. डीएपी किसानों को रुपए 1350 प्रति 50किलो के बैग पर मिलती रहेगी, जो अतिरिक्त भार आएगा उसको सरकार वहन करेगी. वैसे इस एक बैग की कीमत 3000 रुपए के करीब है.
इसके लिए एक समय की 3850 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी. अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतों में उतार चढ़ाव है, पर इसका असर भारत के किसानों पर नहीं पड़ेगा.
फसल बीमा योजना का आवंटन बढ़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है. इसके लिए 2021-22 से 2025-26 तक 69,515.71 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है. इस निर्णय से 2025-26 तक देश भर के किसानों के लिए गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी
डीएपी पर अतिरिक्त विशेष पैकेज का ऐलान
कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए कई कदम उठाए गए. सस्ता डीएपी उर्वरक किसानों को देने का निर्णय हुआ. इसके साथ ही किसानों को राहत देने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी का ऐलान हुआ. कैबिनेट की बैठक मेंअगले आदेश तक एनबीएस सब्सिडी से परे डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन के विस्तार के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
इससे किसानों को सब्सिडीयुक्त, किफायती और उचित मूल्य पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. किसानों को किफायती मूल्य पर डीएपी उर्वरक की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वीकृत एनबीएस सब्सिडी के अलावा डीएपी पर 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा.
किसानों के लिए डीएपी की कीमत यथावत: 50 किलोग्राम डीएपी उर्वरक का बैग 1,350 रुपये में ही मिलेगा. अतिरिक्त लागत सरकार वहन करेगी.
2. 3,850 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज: कैबिनेट की बैठक में डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक का एकमुश्त विशेष पैकेज स्वीकृति दी गई.
3. वैश्विक बाजार में कीमतों में अस्थिरता: भू-राजनीतिक कारणों से डीएपी उर्वरक की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन कैबिनेट के इस फैसले से कीमतों पर अस्थिरता पर लगाम लगेगी.
4. महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग प्रभावित: रेड सी जैसे समुद्री मार्ग संघर्षों के कारण असुरक्षित हैं, जिससे जहाजों को केप ऑफ गुड होप का उपयोग करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार के फैसले से किसानों को राहत मिलेगी और असुरक्षा खत्म होगी.
5. अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव का असर: वैश्विक बाजार की अस्थिरता भारत में उर्वरकों की कीमतों को प्रभावित कर सकती है.
6. प्रधानमंत्री मोदीजी की पहल: 2014 से कोविड और युद्ध जैसी बाधाओं के बावजूद, पीएम मोदीजी ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार की अस्थिरता का बोझ न उठाना पड़े.
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Modi cabinet7. सब्सिडी में बड़ा इजाफा: 2014-2023 में उर्वरक सब्सिडी 1.9 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2004-2014 के मुकाबले दोगुने से अधिक है



