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Mobile News जरूरत की खबर- फोन चोरी होने पर क्या करें कैसे मिल सकता है फोन, इंश्योरेंस कराना कितना फायदेमंद, जानें- जवाब

Mobile News Necessary news - What to do if the phone is stolen, how to get the phone back, how beneficial it is to get insurance, know the answer.

Mobile News यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कही। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा राज्य उपभोक्ता अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें आईफोन चोरी होने पर एपल इंडिया को उसे खोजने के लिए बाध्य ठहराया गया था। ओडिशा राज्य उपभोक्ता अदालत ने कहा कि एपल इंडिया ही आईफोन का मैन्युफैक्चरर है। इसलिए वह विशिष्ट पहचान संख्या यानी Unique Identification Number के जरिए चोरी हुए फोन का पता लगाए।

अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद चोरी का शिकार हुए शख्स का समय भी खर्च हुआ और फैसला भी उसके हक में नहीं आया। ऐसे में सवाल उठता है कि आपका फोन चोरी होता है तो क्या करें?

इसलिए आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे कि फोन चोरी होने पर कहां शिकायत करें। साथ ही जानेंगे कि-

  • क्या फोन का इंश्योरेंस कराना सही है?
  • इंश्योरेंस क्लेम न मिलने पर कहां जाएं?
  • फोन को चोरी होने से बचाने के लिए क्या सावधानियां बरतें?

एक्सपर्ट- रूद्र विक्रम सिंह- एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट

सवाल- आपका फोन चोरी हो जाए तो क्या करें, किससे शिकायत करें?

जवाब- मोबाइल फोन चोरी या गुम होते ही लोग घबरा जाते हैं। समझ नहीं आता कि क्या करें। ऐसे में सबसे पहले इन तरीकों को अपनाना चाहिए। जैसेकि-

  • मोबाइल फोन चोरी या गुम होने पर भारत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 14422 पर कॉल करके तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। जिससे पुलिस और सेवा प्रदाता कंपनी फोन को बंद कराएगी।
  • मोबाइल चोरी होने पर CEIR (Center for Exhibition Industry Research) की वेबसाइट https://www.ceir.gov.in/Home/index.jsp पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिसके बाद CEIR आपके फोन की सभी सर्विस को ब्लॉक कर देगा।
  • इसके अलावा आप स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करा सकते हैं। जिससे पुलिस चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करके खोजबीन शुरू कर सकती है।

सवाल- मोबाइल फोन का इंश्योरेंस कराने के क्या फायदे हैं? मोबाइल फोन खोने पर कैसे क्लेम कराते हैं?

जवाब- मोबाइल फोन सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आज मोबाइल की कीमत लाखों तक पहुंच चुकी है। ऐसे में अगर आपका फोन कीमती है तो इंश्योरेंस कराना बेहद फायदेमंद है।

मोबाइल गुम या चोरी होने पर इंश्योरेंस का क्लेम कैसे ले सकते हैं। इसे लेकर सभी इंश्योरेंस कंपनियों की अलग-अलग पॉलिसी हैं। इसके लिए नीचे कुछ पॉइंट्स दिए गए है। जिनका इंश्योरेंस होल्डर और बीमा कंपनी दोनों को पालन करना जरूरी है।

  • मोबाइल फोन के किसी भी नुकसान या क्षति के बारे में तुरंत बीमा कंपनी को टोल-फ्री नंबर या कंपनी के कस्टमर सर्विस चैनल पर रिपोर्ट दर्ज कराएं।
  • आग के कारण मोबाइल फोन के नुकसान या क्षति के मामले में कुछ बीमा कंपनियां फायर स्टेशन में दर्ज रिपोर्ट की भी मांग करती हैं। वहीं कुछ बीमा कंपनियों को क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन की फोटो क्लेम मूल्यांकनकर्ता को भेजने की जरूरत होती है।
  • ग्राहकों को बीमा कंपनी के अनुसार दावा प्रपत्र भी जमा करने होंगे। यह ऑनलाइन या बीमा कंपनी की नजदीकी ब्रांच ऑफिस में जाकर किया जा सकता है।
  • चोरी के मामले में ग्राहक को नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करानी होगी। जिसके बाद FIR की एक कॉपी बीमा कंपनी को देनी होगी।
  • पॉलिसी होल्डर किसी भी तरह के क्लेम की प्रकिया के दौरान बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों से ब्रांच ऑफिस में जाकर या बीमा कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।
  • कुछ बीमा कंपनियां पॉलिसी अवधि में केवल एक दावा निपटान की मान्यता देती हैं, जबकि कुछ पॉलिसी अवधि वर्ष में एक से अधिक क्लेम को निपटाती हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा अपने द्वारा ली गई मोबाइल बीमा पॉलिसी की शर्तों की सही से जांच करनी चाहिए।

सवाल- कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने की क्या प्रक्रिया है?

जवाब- अगर आप किसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं और आपकी शिकायत कोई नहीं सुन रहा है तो तीन जगह शिकायत करा सकते हैं।

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम

जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत सादे कागज पर की जा सकती है। आप इसे व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत एजेंट के माध्यम से नोटरीकृत होने के बाद पंजीकृत डाक या नियमित डाक के जरिए दर्ज करा सकते हैं।

यह जरूरी है कि शिकायत दर्ज कराने से पहले दूसरे पक्ष को व्यक्तिगत या कानूनी नोटिस भेजा जाए। जिन लोगों के पास अंत्योदय अन्न योजना कार्ड है, उनके लिए 1 लाख रुपए तक के मामलों में अदालती शुल्क जीरो है और बाकी के लिए 100 रुपए है।

5 लाख रुपए तक के केस के लिए केस फीस 200 रुपए है। वहीं 10 लाख रुपए तक के केस के लिए कोर्ट फीस 400 रुपए, 20 लाख रुपए तक के केस के लिए केस फीस 500 रुपए है।

स्टेट कंज्यूमर फोरम

ऐसे मामले जहां वस्तुओं या सेवाओं की रकम 20 लाख रुपए से अधिक है। उन्हें जिला फोरम का आदेश पारित होने के 30 दिनों के भीतर स्टेट कंज्यूमर फोरम में चुनौती दी जा सकती है।

20 लाख रुपए से अधिक और 50 लाख रुपए तक के मामलों के लिए कोर्ट फीस 2,000 रुपए है। जबकि 1 करोड़ रुपए तक के मामलों के लिए कोर्ट फीस 4,000 रुपए है। डिमांड ड्राफ्ट राज्य आयोग के रजिस्ट्रार (नाम) के पक्ष में बनाया जाना चाहिए और केवल उसी राज्य में देय होना चाहिए। अपील दायर करने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। जैसेकि-

  • सभी पक्षों के सही नाम और उनके पते के साथ रिकॉर्ड के डॉक्यूमेंट।
  • जिला फोरम के आदेश की प्रमाणित एक कॉपी।
  • अपील दायर करने के लिए प्रत्येक प्रतिवादी के लिए चार से अधिक अतिरिक्त कॉपी।
  • किसी भी सशर्त देरी अंतरिम आदेश और अन्य याचिकाएं एक हलफनामे के साथ प्रस्तुत की जाएं।
  • अपीलकर्ता/विपरीत पक्षों को 25,000 रुपए या पुरस्कार/मुआवजा राशि का 50%, जो भी कम हो, जमा करना होगा।

नेशनल कंज्यूमर फोरम

डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम से असंतुष्ट उपभोक्ता आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर सीधे राष्ट्रीय आयोग में शिकायत दर्ज कर सकता है या राज्य आयोग के फैसलों के खिलाफ अपील कर सकता है।

इसके लिए कोर्ट फीस 5000 रुपए है और डिमांड ड्राफ्ट रजिस्ट्रार, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के नाम पर होना चाहिए। राज्य या राष्ट्रीय आयोग के समक्ष अपील दायर करने के लिए कोई शुल्क नहीं है।

आप राष्ट्रीय आयोग के आदेशों के खिलाफ 30 दिनों की अवधि के भीतर सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

सवाल- फोन को सुरक्षित रखने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब- फोन को चोरी से बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि फोन की सेटिंग में कुछ बदलाव कर लें या अपने पास कुछ जानकारी रखें। जिससे फोन को ढूंढने में मदद मिलती है। इसके लिए इन तरीकों को अपना सकते हैं। जैसेकि-

  • Mobile News  हर फोन में IMEI नंबर होता है। अगर फोन में दो सिम हैं तो दो नंबर होंगे। यह नंबर फोन के बॉक्स पर लिखें होते हैं। उन्हें कहीं लिख कर या बहुत संभाल कर रखें। अगर आपके पास फोन का बॉक्स भी नहीं है तो *#06# डायल करके भी फोन का IMEI नंबर जान सकते हैं।
  • गूगल की तरफ से फोन में Find My Device का एक ऑप्शन दिया होता है, इसे हमेशा ऑन रखें। ऐसा करने पर GPS की मदद से फोन की लोकेशन को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है।
  • फोन के गुम या चोरी होने पर सबसे ज्यादा दुख होता है, डेटा के गुम होने का। इसलिए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अपने फोटो, वीडियोज या कॉन्टैक्टस को गूगल ड्राइव, गूगल फोटो में जरूर सेव करके रखें।

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